आरोपित को हर माह के पहले व चौथे मंगलवार सुबह 10 से 12 बजे के बीच ऐसा करना होगा। हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने विशिष्ट शर्त के साथ आरोपित को जमानत दी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि यह विशिष्ट शर्त इसलिए लगाई गई है ताकि आरोपित में जिम्मेदारी की भावना पैदा हो और उस देश क प्रति गर्व से भरे जिसमें वह पैदा हुआ और रह रहा है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल की एकलपीठ ने भोपाल के पुलिस कमिश्नर को उक्त शर्त का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपित के जमानत के कागजातों में भी आवश्यक रूप से इस शर्त का उल्लेख किया जाए। साथ ही हाई कोर्ट के आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त, भोपाल को भेजें।
17 मई, 2024 को भोपाल के मिसरौद पुलिस थाने में फैजल के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई। जांच के बाद ट्रायल कोर्ट में आरोप-पत्र प्रस्तुत किया गया। अधीनस्थ अदालत से जमानत निरस्त होने के बाद आरोपित ने हाई कोर्ट में जमानत आवेदन पेश किया।
इस मामले में एक वीडिया क्लिप भी प्रस्तुत की गई, जिसमें स्पष्ट है कि आरोपित उक्त नारा लगा रहा है। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीके मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपित के विरुद्ध 14 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि यह विशिष्ट शर्त इसलिए लगाई गई है ताकि आरोपित में जिम्मेदारी की भावना पैदा हो और उस देश क प्रति गर्व से भरे जिसमें वह पैदा हुआ और रह रहा है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल की एकलपीठ ने भोपाल के पुलिस कमिश्नर को उक्त शर्त का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपित के जमानत के कागजातों में भी आवश्यक रूप से इस शर्त का उल्लेख किया जाए। साथ ही हाई कोर्ट के आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त, भोपाल को भेजें
17 मई, 2024 को भोपाल के मिसरौद पुलिस थाने में फैजल के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई। जांच के बाद ट्रायल कोर्ट में आरोप-पत्र प्रस्तुत किया गया। अधीनस्थ अदालत से जमानत निरस्त होने के बाद आरोपित ने हाई कोर्ट में जमानत आवेदन पेश किया।
इस मामले में एक वीडिया क्लिप भी प्रस्तुत की गई, जिसमें स्पष्ट है कि आरोपित उक्त नारा लगा रहा है। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता सीके मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपित के विरुद्ध 14 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
जिस देश में उसने जन्म लिया और बड़ा हुआ, उसी के विरोध में उक्त नारा लगाता है। यदि वह इस देश में खुश और संतुष्ट नहीं है तो वह अपने पंसद के देश में रहना चुन सकता है, जिसके लिए उसने जिंदाबाद के नारे लगाए।