नई दिल्ली । देश और दुनिया में कोरोना का उत्पात जारी है। कोरोना वायरस रोग के वैश्विक मामलों की संख्या 40 मिलीयन के निशान को पार कर, प्रकोप के लिए चौथी और खतरनाक लहर में प्रवेश करती दिख रही है । संक्रमण में नई तेजी ज्यादातर यूरोपीय देशों में दूसरी लहर से प्रेरित है, संयुक्त राज्य अमेरिका में तीसरी, और भारत और दक्षिण अमेरिका में पहली लहर अंत पर है । संक्रमण की पहली लहर दिसंबर 2019 में रिपोर्ट संक्रमण के पहले बैच के साथ चीन में पाई गई थी। इस वर्ष के शुरू में तेजी से प्रारंभिक प्रकोप के बाद, चीन फरवरी के अंत तक प्रकोप को नियंत्रित करने में कामयाब रहा। दूसरी लहर यूरोप में मार्च में शुरू हुई, इटली के साथ स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी के साथ सबसे शुरुआती हॉट स्पॉट के रूप में वायरस मई तक अमेरिका में फैल चुका था, जो तीसरी लहर की शुरुआत के रूप में चिह्नित हुआ । अगस्त तक इस वायरस के मामले में भारत एक केंद्र बन गया। मुताबिक अमेरिका ने पिछले हफ्ते में हर दिन औसतन 55,917 नए मामले दर्ज किए हैं । नए संक्रमण ऐसे फ्लोरिडा, टेक्सास और कैलिफोर्निया के रूप में राज्यों के साथ देश के अधिकांश भागों में बढ़ रहे हैं, जिनमें से सभी दूसरी लहर में हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की चोटियों को पार कर सकती है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर अब लगातार राहत की खबर मिल रही है। वैश्विक महामारी कोविड-19 से प्रभावित दुनियाभर के देशों में कोरोना वायरस से अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है मगर सुकून की बात है कि यह प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण की चपेट में आने और इससे जान गंवाने वालों के औसत मामलों में प्रमुख राष्ट्रों से काफी पीछे है। यानी भारत में मिलने वाले कोरोना के नए मामलों और मौतों की रफ्तार अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। इतना ही नहीं, रिकवरी रेट के मामले में भारत दुनियाभर में सबसे आगे है।