नई दिल्ली । सर्दी की आहट से साथ ही सर्दी बुखार, जुकाम की भी अहट हो गई। ऐसे में कोल्ड, फ्लू और कोविड-19 तीनों अलग-अलग तरह के वायरस से होने वाली बीमारियां हैं, लेकिन सभी के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि आखिर इंसान किस बीमारी का शिकार है। कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में तेज बुखार, लगातार खांसी, लॉस ऑफ टेस्ट या सूंघने की शक्ति खत्म होने जैसा एक बड़ा लक्षण जरूर होता है। आने वाले महीनों में आपको ऐसी कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानने की जरूरत होगी। 37.8 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा शरीर के लिए एक हाई टेंपरेचर है। ऐसा बुखार तभी संभव है जब शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा हो। अकेले कोरोना वायरस में ही ऐसा नहीं है। हालांकि बुखार कोरोना वायरस का प्रमुख लक्षण है, लेकिन ये फ्लू या कोई दूसरा इंफेक्शन भी हो सकता है। जबकि कोल्ड में हाई टेंपरेचर की समस्या असंभव है। 37.8 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा टेंपरेचर वाले लोगों को सेल्फ आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, शरीर के तापमान की जांच तीन प्रकार से होती है। थर्मामीटर को मुंह या बगल में कुछ देर लगाने पर आप शरीर का टेंपरेचर जान सकते हैं। इसके अलावा एक डिजिटल थर्मामीटर को कान में डालकर एक बटन दबाते ही आप बॉडी का टेंपरेचर पता कर सकते हैं।
अगर आप कोल्ड या फ्लू का शिकार हैं तो आपको खांसी समेत कई लक्षण हो सकते हैं। फ्लू अचानक आता है और इसके होने पर मरीज मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, सिर दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना और खांसी जैसी परेशानियां महसूस करता है। जबकि कोल्ड में भी लगभग ऐसे ही लक्षण होते हैं, लेकिन ये फ्लू से कम खतरनाक होता है। कोल्ड, फ्लू और कोरोना वायरस तीनों में मरीजों को खांसी की समस्या होती है। लेकिन कोरोना वायरस की खांसी को एक बड़े अंतर से समझा सकता है। कोरोना संक्रमित को एक घंटे तक या उससे ज्यादा देर तक लगातार खांसी हो सकती है। दिन के 24 घंटे में उसे तीन या इससे ज्यादा बार ऐसी खांसी हो सकती है। अगर आपको लंबे वक्त से 'क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) के कारण खांसी हो रही है तो ये खतरनाक हो सकता है। खांसी में आराम ना आने पर आपको कोरोना वायरस का टेस्ट करवा लेना चाहिए। स्वाद और गंध को पहचानने की शक्ति खो बैठना भी कोरोना वायरस का प्रमुख लक्षण है। हालांकि सामान्य कोल्ड में भी ऐसा हो सकता है। अगर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे तो वायरस फैलने के खतरे से बचने के लिए एक बार टेस्ट जरूर करा लें।
विशेषज्ञ छींक आने को कोरोना वायरस का लक्षण नहीं मानते हैं। ये लक्षण सिर्फ कोल्ड में ही होता है। जब तक आपको बुखार, खांसी, लॉस ऑफ टेस्ट या स्मैल के लक्षण ना दिखें तब तक कोरोना का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालांकि छींकने पर शरीर से बाहर आए ड्रॉपलेट्स से कोरोना फैल सकता है। इसलिए छींक आने पर नाक या मुंह पर टिश्यू, रुमाल या हाथ रखें और फिर हाथों को अच्छी तरह से धोएं। कोरोना में बहती नाक के लक्षण ना के बराबर देखने को मिलते हैं। जबकि कोल्ड में इसकी शिकायत बहुत सामान्य है। कोरोना वायरस में हल्के या गंभीर दोनों लक्षण हो सकते हैं। कई बार लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं। इसके बावजूद वे संक्रमित हो सकते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण 5 दिन में सामने आ जाते हैं, लेकिन कई बार इसमें 14 दिन तक लग सकते हैं। सांस में तकलीफ कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक लक्षण है। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ध्यान रखें कि कोल्ड या फ्लू में मरीज को ऐसी दिक्कत नहीं होती है।
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