कॉलोनी निर्माण की अनुमति देने विभाग स्वयं नहीं करते पालन
Updated on
15-10-2021 02:03 PM
नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत, रेवेन्यू ऑफिस, एसडीएम, तहसीलदार, कलेक्टर ऑफिस, बिजली और जमीन का पंजीयन एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अमूमन यह सब ऑफिस को कॉलोनी के निर्माण की विभिन्न विभिन्न अनुमति देने के लिए जिम्मेदारी दी हैं। इतने विभागों से अनुमति लेना यदी इन विभागों में ईमानदार आदमी मिल जाएगा या बिना रिश्वत दिये आपका काम हो जाएगा ईश्वर का चमत्कार होगा। शासन-प्रशासन ने कई अनुमति लेने की व्यवस्था रखी जिससे कोई भी काम आसान और समय पर नहीं होता है। मेरा प्रश्न इनकी कार्यप्रणाली पर नहीं है बल्कि इनकी जिम्मेदारी के ऊपर प्रश्न है। इन विभागों ने सभी स्वयं कई नियमों का पालन बिल्कुल नहीं किया इनके टॉयलेट गंदे मिलेंगे वहां आपको बैठने की उचित व्यवस्था नहीं मिलेगी वहां आपको पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पाएगा और आपको जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा जबकि विदेशों में आप किसी भी ऑफिस में जाकर देखें वहां आपको यह सब सुविधाएं उपलब्ध होगी जब कोई कॉलोनी का निर्माण में गलती होती है तो उस पर पेनल्टी लगाते हैं उस पर केस बनाते हैं अब इन विभागों में जितनी कमी है उन पर कौन केस बनाएगा। देश का प्रधानमंत्री स्वच्छता और हाइजीनिक वातावरण पर जोर देते हैं तो क्या इन विभागों की स्वच्छता की जिम्मेदारी स्वतः नहीं होती है। हमारा सशक्त मीडिया इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाता है। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार,पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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