पूरे विश्व में आईटी इंडस्ट्री में भारत का सबसे ज्यादा स्किल वर्किंग में योगदान है। पर भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत तो हो गई पर आज भी हम कहीं जगह अटके पड़े हैं। जैसे हमारे जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण यह सब प्रक्रिया अलग अलग से करनी पड़ती है। जबकि होना यह चाहिए कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होते से ही संबंधित विभागों में उसका नामंत्रण हो जाना चाहिए पर ऐसा नहीं होता है और कई बार इन अलग-अलग क्रियाओं के कारण प्रॉपर्टी विवाद में पड़ जाती है मानो किसी ने प्रापर्टी की आपको रजिस्ट्री करी और नामांतरण होने से पहले यदि वह व्यक्ति गुजर गए तो उसके बाल बच्चे वारिस अपने नाम भू अधिकार पुस्तिका में जमीन करवा लेंगे। बस फिर आप भूल जाए बिना नामांतरण के आप उस जमीन का कुछ भी नहीं कर सकते। यह बात कृषि भूमि की है। हम सब लोगों ने अपने-अपने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार का इस बात पर ध्यान दिलाना चाहिए कि कंप्यूटर युग में जब रजिस्ट्री हो रही है तो हाथों-हाथ वह एंट्री नामंत्रण में चली जावे।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, वास्तुविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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