Select Date:

आरक्षण का लाभ सबसे निचले तबके तक नहीं पहुंच रहा

Updated on 28-08-2020 11:36 PM

नई दिल्ली आरक्षण का लाभ एससी-एसटी के सबसे निचले स्तर के लोगों तक नहीं पहुंच रहा, क्या हमेशा पिछड़े रहना ही उनकी नियति हो गई है। आरक्षितों के वर्गों में विशेष वर्ग को प्राथमिकता देने के लिए सरकार को अधिकृत करने का फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मामले को बड़ी पीठ को रेफर करते हुए यह टिप्पणी की है। पीठ की इस टिप्पणी से एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी की तरह से क्रीमी लेयर लागू होने का दरवाजा खुल सकता है। केंद्र सरकार क्रीमी लेयर का विरोध कर रही है और ये मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि लाख टके का सवाल यह है कि आरक्षण का लाभ कैसे निचले तबके तक पहुंचाया जाए। रिपोर्ट बताती हैं कि आरक्षण का लाभ लगातार वही ले रहे हैं, जो ऊपर उठ चुके हैं और जो नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व हासिल कर चुके हैं। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि एससी-एसटी और सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की सूची में बहुत से वर्ग गैरबराबरी पर हैं। अपने 78 पेज के फैसले में पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 338, 341, 342 और 342 की व्यापक जनहित में व्याख्या करने का वक्त गया है। इनकी व्याख्या कर इंदिरा साहनी और अन्य फैसलों की बाध्यकारी नजीरों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। हालांकि, हम इन फैसलों की पूरी इज्जत करते हैं लेकिन वास्तविक हकीकत से भी नजरें नहीं चुराई जा सकतीं और मूक दर्शक बनकर नहीं रहा जा सकता। बदलती सामाजिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखे बिना समाज सुधार के फैसले में पीठ ने इस सवाल पर विचार किया कि क्या आरक्षित वर्गों के किसी वर्ग को प्राथमिकता देना आरक्षित जातियों की सूची में से किसी जाति को निकालना या किसी को शामिल करने जैसा तो नहीं होगा। वह भी तब जब अन्य जातियां आरक्षण से वंचित हो रही हों। कोर्ट ने कहा कि ईवी चिन्नैया (2004) मामले में जातियों के उपवर्गीकरण पर रोक लगाई गई है। वहीं जरनैल सिंह (2018) मामले में कोर्ट ने यह राय व्यक्त की थी कि एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू की जाए। ये लेयर संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत राष्ट्रपति के आदेश से बनी आरक्षितों की सूची से छेड़छाड़ कदापि नहीं करती है। जस्टिस मिश्रा की पीठ ने कहा कि भोजन की पूरी टोकरी जो सभी लोगों की भूख मिटाने के लिए है, क्या सिर्फ सशक्त लोगों आरक्षण का लाभ ले चुके क्रीमी लेयर वाले को हड़पने दी जा सकती है। इसकी अनुमति देना गैर बराबरी को बढ़ावा देना होगा। समानता लाने की आड़ में भोजन की पूरी बास्केट ताकतवरों को नहीं दी जा सकती।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 02 November 2024
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने शिवसेना शिंदे गुट की नेता शाइना एनसी पर दिए अपने बयान पर शनिवार को माफी मांग ली। सावंत ने कहा-ऐसा माहौल बनाया जा रहा…
 02 November 2024
अभिनेता सलमान खान के घर फायरिंग करवाने के मामले में आरोपी अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सलमान के घर 14 अप्रैल को बाइक…
 02 November 2024
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में खान्यार और बांदीपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर जारी है। खान्यार में एक घर में दो से तीन आतंकी छिपे थे। सेना ने घर…
 02 November 2024
दुबई से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया फ्लाइट में कारतूस मिलने की जानकारी शनिवार (2 नवंबर) को सामने आई है। घटना 27 अक्टूबर की है। एयरलाइंस के प्रवक्ता ने बताया,…
 01 November 2024
जिस जहरीली हवा में हम सांस ले रहे हैं, वह सीमा पार भी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। पिछले कुछ सालों से स्मॉग चिंता का विषय बना…
 01 November 2024
पंजाब के अमृतसर और गोल्डन टेंपल में आज (शुक्रवार) दिवाली और बंदी छोड़ दिवस मनाया जा रहा है। दिल्ली दंगों की 40वीं बरसी के मौके पर टेंपल में दिवाली के…
 01 November 2024
कानपुर में दिवाली पर मंदिर के दीये से घर में भीषण आग लग गई। हादसे में बिजनेसमैन पति-पत्नी समेत नौकरानी की जिंदा जलकर मौत हो गई। पूजा करने के बाद…
 01 November 2024
पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों के घर के बाहर फायरिंग के मामले में कनाडा पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। कनाडा पुलिस का मानना ​​है कि इस मामले में…
 01 November 2024
अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय का शुक्रवार काे निधन हो गया। वे 69 साल के थे। एम्स दिल्ली की ओर से जारी बयान…
Advertisement