धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उससे भारत के हिंदुओं को सबक सीखने की नसीहत भी दी, साथ में हिंदुओं के बंटे होने पर निराशा भी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'पर इस भारत का दुर्भाग्य है कि ऐसा न वो सोच पा रहा है भारत का हिंदू और न ही वो जग पा रहा है। हम अकेले क्या कर लेंगे? एक दिन आएगा वो हमको भी खत्म कर देंगे। किसी षडयंत्र में फंसा देंगे। देख लेना वो किसी केस में फंसाएंगे। ठीक है, आज तो हम हैं, मान लो हम जिंदा भी रहे लेकिन तुम नहीं जागे तो सच-सच बताना यार, हम अकेले क्या करेंगे। पर ये दुर्भाग्य है इस देश का कि हिंदुओं के सामने हमने कितनी वंशी बजाई, अब भी वो घर से बाहर नहीं निकल रहे। अब भी हिंदू एकता यात्रा की कोई चर्चा नहीं कर रहा...तुमसे तुम्हारा जमीर और तुम्हारे पूर्वज, नन्हीं सी बेटी एक दिन जरूर पूछेगी कि देश के लिए आपने क्या किया?...बांग्लादेश के जिन हिंदुओं का घर जला है, वे भारत के हिंदुओं से पूछ रहे हैं कि तुमने तैयारी की कुछ या तुम भी ऐसे ही जलवाकर जाओगे। हिंदू का मतलब है सबका सम्मान करे।'