एक बात तो मानना पड़ेगी भारत की जनता ने साबित कर दिया कि यदि अच्छा वातावरण मिले तो हम भरपूर टैक्स देने को तैयार हैं और इन दिनों यह हो भी रहा है। कई वर्षों में जनता ने इतना टैक्स नहीं भरा होगा जितना इन दिनों भर रही है। सरकार भी बहुत तेजी से काम भी कर रही है कई माइलस्टोन प्रोजेक्ट भी बने हैं। सरकार को ध्यान रखना होगा इस समय बहुत पैसे वाला वर्ग और बहुत गरीब वर्ग मजे में हैं परंतु सर्वाधिक आबादी वाले मिडिल क्लास जो सर्वाधिक टैक्स देते हैं उनके हितों का भी ध्यान रखें। सरकार की एक और मुख्य जवाबदारी होना चाहिए अधिक संग्रहित टैक्स का सद्उपयोग ही हो, कहीं दुरुपयोग ना हो जाए। कमीशन रिश्वत के रूप में बिचौलियों को जो राशि जा रही होगी उसे रोकना होगा। वास्तविक खर्च से ज्यादा खर्च न हो, यहा स्ट्रिक्ट होना पड़ेगा और यह तभी संभव है कि जब जनता को आडिट रिपोर्ट देखने को मिले। पारदर्शी नीति सरकार को लाना पड़ेगी जिससे ऑडिट रिपोर्ट के जरिए यह बात उजागर हो सके कि धनराशि का कितना सही उपयोग हुआ या कितना गलत। कितने अच्छे ढंग से, नए तरीके से खजाने का व्यवस्थित उपयोग हो सकता है यह सुझाव भी आएंगे।जब आडिट रिपोर्ट सार्वजनिक होगी तो ऑडिटर और विभागिय जिम्मेदारों पर मानसिक दबाव रहेगा कि हमसे कोई गलती ना हो जाए। जनता टैक्स देने से बिल्कुल नहीं हिचकिचा रही बस विश्वास बना रहे कि कोई गोलमाल ना हो जाए। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…