नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस के बीच टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के बारे में समग्र वैश्विक कार्रवाई में मदद करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने अन्य बीमारियों के खिलाफ चल रही लड़ाई को नजर अंदाज नहीं करने की जरूरत बताते हुए विकासशील देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता के महत्व की प्रशंसा की। टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच घनिष्ठ और नियमित सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना तथा तपेदिक बीमारी के खिलाफ भारत के अभियान जैसी घरेलू पहलों की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विश्वस्वास्थ्य मुद्दों में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने विशेष रूप से वैश्विक आबादी के कल्याण और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली पारम्परिक चिकित्सा प्रणालियों के महत्व के बारे में लाभदायक चर्चा की। उन्होंने समग्र प्रोटोकॉल के माध्यम से पारम्परिक चिकित्सा समाधानों का आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ एकीकरण करने, समय-समय पर परीक्षण किये गए चिकित्सा उत्पादों तथा प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक वैज्ञानिक सत्यापन करने के लिए सहमति व्यक्त की।
महानिदेशक ने कहा कि पारम्परिक चिकित्सा की क्षमता कोअभी पर्याप्त सराहना प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने तथा सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने के बारे में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें कोविड-19 के लिए ‘आयुर्वेद’विषय पर 13 नवम्बर को भारत में आयुर्वेद दिवस आयोजित करने के बारे में जानकारी दी।