लखनऊ । भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक (एसपी) मणिलाल पाटीदार की परेशानी उन पर आरोप लगाने वाले शख्स की मौत के बाद बढ़ गई है। उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले स्टोन क्रशर डीलर इंद्रकांत त्रिपाठी को वीडियो जारी करने के दूसरे दिन बीती आठ सितंबर को गोली मार दी गई थी। अस्पताल में उपचार के दौरान रविवार को त्रिपाठी की मौत हो गई।
त्रिपाठी के निधन से पाटीदार की मुसीबत और बढ़ सकती है। निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार और कई अन्य लोगों को हत्या के आरोप का सामना करना होगा। पाटीदार बुधवार तक महोबा के पुलिस प्रमुख थे लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें निलंबित कर दिया था। त्रिपाठी को उस समय गर्दन में गोली लगी थी जब वह 8 सितंबर को बांदा रोड से घर लौट रहे थे। घायल अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल रेफर किया था, जहां उन्होंने रविवार को दम तोड़ दिया। त्रिपाठी पिछले दो दिनों से वेंटिलेटर पर थे।
उनके भाई रविकांत ने शुक्रवार को हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। त्रिपाठी को एक वीडियो जारी करने के एक दिन बाद गोली मार दी गई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पाटीदार उसे स्टोन क्रशर का बिजनेस चलाने की अनुमति देने के लिए रिश्वत मांग रहे हैं।
शुक्रवार को पाटीदार के साथ जिन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, उनमें एक निलंबित इंस्पेक्टर, देवेंद्र शुक्ला, व्यापारी सुरेश सोनी और कुछ अज्ञात लोग हैं। रविकांत ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि उनके भाई के पास जिले में क्रशर का काम करने के लिए लाइसेंस था, लेकिन पाटीदार अवैध रूप से 6 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। निलंबित किए जाने के बाद गुरुवार को पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।