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कृत्रिम बुद्धिमता बदल देगी पढ़ाई के तरीके

Updated on 03-01-2023 11:53 PM
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के इस्तेमाल से शिक्षा क्षेत्र की कई कठिन चुनौतियों से निपटा जा सकता है। शिक्षकों के लिए गृहकार्य और परीक्षणों का सटीक मूल्यांकन करना एक उबाऊ और समयखाऊ कार्य है। एआई के उपयोग से  लगभग सभी प्रकार की बहुविकल्पी परीक्षाओं के मूल्यांकन को स्वचालित करना संभव हो गया है। लिखित उत्तरों का मूल्यांकन करने वाला कृत्रिम बुद्धिमान सॉफ़्टवेयर अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन आने वाले वर्षों में इसका  परिष्कृत स्वरूप सामने आयेगा। एआई आधारित छवि या हाव-भाव  पहचान  जैसी तकनीक के इस्तेमाल से शिक्षकों को छात्रों का समग्र मूल्यांकन कम समय में करने में मदद मिल सकती है। बचे हुए इस  समय का उपयोग छात्रों के साथ बातचीत करने, कक्षा की तैयारी करने या पाठ्यक्रम विकास पर काम करने के लिए किया जा सकता है।

प्रारम्भिक शाला से लेकर महाविद्यालय तक, व्यक्तिगत सुधार के अधिक से अधिक स्तरों पर तकनीक के अनुप्रयोग के माध्यम से एआई शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है । सतत निगरानी और नियमित मूल्यांकन आधारित ये प्रणालियाँ छात्र की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार  प्रतिक्रिया देती हैं। कमजोर विषयों पर अधिक जोर देती हैं, और उन चीजों को दोहराती हैं जिसमें छात्रों ने महारत हासिल नहीं की है।  इस तरह ये  प्रणाली  आम तौर पर छात्रों को अपनी गति से काम करने में मदद करती है, और जरूरत पड़ने पर वास्तविक शिक्षक सहायता प्रदान कर सकते हैं।

किसी कक्षा में पढ़ाते समय शिक्षकों को उनके द्वारा दी जा रही व्याख्या और वास्तविक अर्थ  के मध्य आ रही दूरी या अंतर के बारे में अहसास नहीं हो पाता है जो छात्रों को उनकी कुछ अवधारणाओं के बारे में भ्रमित कर सकता है। एआई  इस समस्या को हल करने का एक समाधान प्रस्तुत  करता है। जब बड़ी संख्या में छात्र गलत उत्तर देते पाए जाते हैं, तो यह प्रणाली शिक्षक को सचेत करती है और सही व्याख्या  के लिए विश्लेषणात्मक संकेत प्रसारित करती  है और व्याख्या में अंतर को भरने में मदद करती है। एआई प्रणाली यह सुनिश्चित करने में भी मदद करती है कि सभी छात्र एक ही वैचारिक आधार का निर्माण कर रहे हैं। शिक्षक के पाठ दोहराने की प्रतीक्षा करने के बजाय, छात्रों को तत्काल प्रतिक्रिया मिलती है जो उन्हें समान अवधारणा को समझने में मदद करती है और याद रखती है कि अगली बार इसे सही तरीके से कैसे पेश किया जाए।

एआई न केवल शिक्षकों और छात्रों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद कर सकता है, बल्कि यह समग्र रूप से पाठ्यक्रम की सफलता के बारे में दोनों को प्रतिक्रिया भी प्रदान कर सकता है। विशेष रूप से विद्यार्थी की प्रगति की निगरानी करते हुए  उसके प्रदर्शन के साथ कोई समस्या आने पर शिक्षकों को सतर्क करने के लिए एआई सिस्टम का उपयोग सफलता से किया जा रहा है।

इस प्रकार की बुद्धिमान प्रणालियाँ हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सूचनाओं के साथ व्यवहार करने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। इच्छित जानकारी ढूँढने की गति और उसके उपयोग करने के तरीके बदल रहे हैं।  नई अधिक एकीकृत तकनीक के साथ, भविष्य के छात्रों को आज के शोधार्थीयों की तुलना में शोध करने और तथ्यों को देखने के अद्भुत अनुभव हो सकते हैं।

शिक्षा में मानव शिक्षकों की भूमिका हमेशा रहेगी, लेकिन वह भूमिका क्या होगी और इसमें क्या शामिल होगा , यह सब नई तकनीक के कारण बदल सकता है। एआई को शिक्षण के कई जटिल पहलुओं के लिए अनुकूलित कर विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए सक्षम बनाया जा सकता है। एआई आधारीत एकीकृत शिक्षण प्रणाली छात्रों को अपनी जिज्ञासा शांत करने और मनचाही जानकारी तलाशने की सेवा प्रदान कर सकती है। यहां तक कि बुनियादी प्रारम्भिक पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए एआई शिक्षकों की जगह ले सकता  है। कालांतर में, एआई प्रणाली शिक्षक को एक समन्वयक  की भूमिका में स्थानांतरित कर देगी । वो  संघर्षरत छात्रों की सहायता करेंगे, उनको मानवीय संपर्क और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेंगे। 

किसी विषय विशेष में शुरुआती दौर की पढ़ाई करना कई छात्रों के लिए एक बुरे सपने के समान होता है। एआई आधारीत विशेष शिक्षण प्रणाली उनके इस डर को कम करने में सहायता कर सकती है। परीक्षण करना और गलती करना सीखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन कई छात्रों का आत्मविश्वास असफल होने या उत्तर न जानने के विचार भर से कमजोर हो जाता है। कुछ छात्र किसी अंजान व्यक्ति या विषय विशेषज्ञ के सामने बैठकर उनके प्रश्नों के जवाब देने में असहज महसूस करते हैं। लेकिन एक बुद्धिमान कंप्यूटर प्रणाली, जिसे व्यक्तिगत रूप से सीखने में मदद करने के लिए रूपांकित किया गया है ऐसे  छात्रों को सफलता प्राप्त करने में प्रभावी मदद कर सकती है। यह एक कम कठिन तरीका है जो छात्रों को अपेक्षाकृत निर्णय-मुक्त वातावरण में प्रयोग करने और सीखने का एक सहज अवसर  प्रदान कर सकती है। 

यह शिक्षा प्रणाली एक खेल आधारित और अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से छात्रों की कल्पनाशक्ति को बढ़ाती है और सीखने की प्रक्रिया को दिलचस्प बनाती है, यह विधि बढ़ते बच्चों में रचनात्मकता, संचार-कौशल, समस्या-समाधान, महत्वपूर्ण सोच, तार्किक और संज्ञानात्मक कौशल को भी बढ़ावा देती है। यह शिक्षा प्रणाली छात्रों को अवसरों से भरी दुनिया में जाने में मदद करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करना है। साथ ही किसी कठिन परिस्थिति को अधिक आकर्षक तरीके से सीखना और छात्रों को अच्छे परिणाम दिलाना है। जिसकी बदौलत शिक्षार्थी वैश्विक मानकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए सक्षम होगा और शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को कम किया जा सकेगा।   

गहन प्रशिक्षण की बदौलत आज भर्ती से लेकर सर्वोत्तम पाठ्यक्रम चुनने में मदद करने के लिए, बुद्धिमान कंप्यूटर सिस्टम छात्र की जरूरतों और लक्ष्यों के अनुरूप स्वयम को ढालने में सक्षम हैं। एक ऐसी प्रणाली जो छात्र हितों के लिए सर्वोत्तम स्कूलों और कार्यक्रमों की सिफारिश करती है जिसका उपयोग करते हुए वो छात्र जो बीमारी, चोट या अन्य किसी कारण से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं वो दुनिया के किसी भी कोने से, किसी भी समय, कोई भी विषय या तकनीक सीख सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों के साथ कक्षा निर्देश की जगह लेते हुए, एआई छात्रों को बेहतर शिक्षण अनुभवों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश कर रहे हैं ।

एआई का उद्देश्य शिक्षकों को बदलना नहीं है, बल्कि प्रत्येक छात्र की क्षमता और सीमाओं को समझने में उनकी सहायता करना है। नवोन्मेषी विचारों, विधियों और तकनीकों का उद्देश्य इन तकनीकों को शिक्षा/शिक्षण में लागू कर और अधिक व्यावहारिक बनाना है। सच तो यह है कि यदि शिक्षा प्रणालियों के आधुनिकीकरण, विशेषकर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अधिक प्रयास नहीं किए गए, तो हम व्यापक परिवर्तन की अपेक्षा नहीं कर सकते हैं।

- राजकुमार जैन,लेखक

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