राज्य को एससी/एसटी श्रेणी में वर्गीकरण करने का अधिकार, बड़ी पीठ करेगी सुनवाई
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27-08-2020 09:53 PM
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने गुरुवार को अहम फैसला देकर कहा है कि राज्य आरक्षण के लिए एससी/एसटी समुदाय में भी कैटेगरी बना सकते हैं। कोर्ट ने फैसला इसकारण लिया है, ताकि एससी/एसटी में आने वाली कुछ जातियों को बाकी के मुकाबले आरक्षण के लिए प्राथमिकता दी जा सके। इसके पहले 2004 में ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि किसी वर्ग को प्राप्त कोटे के भीतर कोटे की अनुमति नहीं है,लिहाजा कोर्ट ने मामला आगे विचार के लिए 7 जजों की बेंच को भेज दिया है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि 2004 के फैसले को फिर से पुर्नविचार की जरूरत है। इसलिए, मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उचित निर्देश के लिए रखा जाना चाहिए। इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन, एम आर शाह और अनिरुद्ध बोस वाली पीठ ने कहा कि 2004 के फैसले को सही ढंग से तय नहीं किया गया था और राज्य एससी/एसटी के भीतर जाति को उपवर्गीकृत करने के लिए कानून बना सकते हैं।
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