छत्तीसगढ़ में श्रमिकों के कल्याण के लिए कई नई योजनाएं संचालित की जा रही है। श्रमिकों के रोजगार, स्वास्थ्य, श्रमिक परिवारों के बच्चों की शिक्षा सहित उनके आर्थिक स्थिति में बदलाव के लिए योजनाओं का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। श्रमिकों के पंजीयन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। बीते लगभग चार सालों में श्रम विभाग की योजनाओं से 50 लाख से अधिक श्रमिकों को लाभान्वित किया गया। ई-श्रमिक पोर्टल के माध्यम से असंगठित श्रमिकों के पंजीयन संख्या के आधार पर छत्तीसगढ़ देश में 6वें स्थान पर और लक्ष्य प्राप्ति में तीसरे स्थान पर है। प्रवासी श्रमिकों के हित-संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020 प्रभावशील की गई। ई-श्रम पोर्टल में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत 82.40 लाख असंगठित कामगारों का पंजीयन किया जा चुका है।
निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित 4 नवीन योजनाएं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना‘ के अंतर्गत लगभग 6376 निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को लगभग 63.76 करोड़ रूपए की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के अंतर्गत लगभग 9257 हितग्राहियों को लगभग 18.51 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत 48 हितग्राहियों को 4.80 लाख रूपए की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना के अंतर्गत लगभग 1.19 लाख हितग्राहियों को लगभग 11.92 लाख रूपए से लाभान्वित किया गया है।
असंगठित कर्मकारों के लिए संचालित नवीन योजना के तहत असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 3673 असंगठित कर्मकारों एवं उनके आश्रितों को रूपये 36.73 करोड़ रूपए से लाभांवित किया गया है। संगठित श्रमिकों के लिए 2 नवीन योजना मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा खेल-कूद प्रोत्साहन योजना 2 जून 2022 से प्रारंभ की गई है। निर्माणी श्रमिकों के पंजीयन एवं कल्याण की कार्यवाही अंतर्गत लगभग 14.75 लाख हितग्राहियों को लगभग 313.64 करोड़ रूपये की राशि वितरित कर लाभान्वित किया गया है।
श्रम विभाग द्वारा संचालित 32 योजनाओं के अंतर्गत अब तक 50 लाख 62 हजार से ज्यादा श्रमिक लाभान्वित हो चुके है। इनमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना में 2 लाख 2 हजार 986, मिनीमाता महतारी जतन योजना में एक लाख 42 हजार 175, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना में 8 लाख 47 हजार 601, मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना 77 हजार 457, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना 19 हजार 242, मोबाइल रजिस्ट्रेशन योजना में 5 लाख 9 हजार 665, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना में 3 लाख 33 हजार 105, श्रमिकों को लाभांवित किया गया है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना में एक लाख एक हजार 740, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना में 2 लाख 35 हजार 359, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में एक लाख 43 हजार 420, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना में एक लाख 71 हजार 71, शहीद वीरनारायण सिंह श्रम अन्न योजना में 11 लाख 10 हजार 114, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में एक लाख 67 हजार 231, श्रम मित्र योजना में 56 हजार 666, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में एक लाख 43 हजार 664 श्रमिक लाभांवित हुए है।
‘श्रमेव जयते‘ मोबाइल एप संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीयन प्रक्रिया को सरल करने के लिये एकीकृत आवेदन हेतु ऑनलाईन पोर्टल तैयार कर प्रारंभ किया गया है, साथ ही ‘श्रमेव जयते‘ मोबाइल ऐप एक सितंबर 2022 को प्रारंभ किया गया है। श्रमिकों की सहायता के लिए शासन की योजनातर्गत लाभांवित एवं उनके शिकायत के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केन्द्र की स्थापना की जा रही है जो कि हर दिन, चौबीसों घंटे चलने वाले टोल फ्री कॉल सेन्टर (0771-3505050) से मदद ली जा सकती है।
श्रमिकों की सेवा अविध में दो वर्ष की वृद्धि
राज्य में श्रमिकों की सेवानिवृत्त आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है, जिससे राज्य के 4 लाख श्रमिकों को 2 वर्ष की अतिरिक्त सेवा अवधि का लाभ मिलेगा। इसी प्रकार दुकानों एवं स्थापनाओं के पंजीकरण नवीनीकरण समाप्त कर संस्थानों को बार-बार पंजीयन नवीकरण प्रावधान से मुक्त किया गया। 10 से कम श्रमिक नियोजित करने वाली स्थापनाओं को दुकान एवं स्थापना अधिनियम के प्रावधानों से छूट दी गई। ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण से छूट दी गई। कारखानों की अनुज्ञप्ति की स्वतः नवीनीकरण की सुविधा दी गई। पंजी और अभिलेखों के ऑनलाइन डिजिटल संधारण की सुविधा प्रदाय की गई।
रायपुर और कोरबा में चिकित्सालय कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें द्वारा रायपुर और कोरबा सहित अन्य स्थानों में 100 बिस्तर युक्त चिकित्सालय का निर्माण कर बाह्यरोगी सेवा आरंभ किया गया है। जहां श्रमिकों का उपचार किया जाता है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के मुख्यालय में बीमित हितग्राहियों की सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-233-1351 शुरू की गई है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें द्वारा एक जनवरी 2019 से अब तक 24 लाख से ज्यादा बीमित हितग्राहियों एवं उनके परिवारजनों के द्वितीयक उपचार पर लगभग 107.06 करोड़ रूपए का व्यय किया जा चुका है।
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