मध्यप्रदेश में अब महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों की खैर नहीं है और खासकर उन पतियों की तो बिल्कुल नहीं जो घरेलू हिंसा में पत्नियों का अंग -भंग कर उन्हें दिव्यांग बना देते हैं। अब महिलाओं पर जुल्म ढाने वालों की नकेल कसेंगे शिवराज। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबसे प्रदेश में चौथी बार राज्य की कमान संभाली है तबसे उनके तेवर और अंदाज काफी बदले हुए हैं। वह तरह-तरह के माफियाओं पर कहर बनकर टूट रहे हैं तथा उन्होंने प्रशासन को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की खुली छूट दे रखी है। बीते 17 दिन के अंदर तीन महिलाओं के अंग भंग की शिकार होने के बाद गहरे सामाजिक सरोकारों के रिश्ते बनाने वाले भांजे-भांजियों के मामा शिवराज का व्यथित होना स्वाभाविक था तथा वह तत्काल ही एक्शन मोड में नजर आए। उन्होंने घरेलू हिंसा रोकने के लिए ना केवल कड़ा कानून बनाने का एलान किया बल्कि दूसरे ही दिन आज शनिवार को आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इस दिशा में गंभीरता पूर्वक कदम उठाने की पहल भी की। उन्होंने यह भी कहा कि अब प्रदेश में अंग-भंग की शिकार महिलाओं के लिए राज्य सरकार सहायता योजना चालू करेगी और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए जिलों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की जाएगी, जिसके विशेष मोबाइल और टेलीफोन नंबर अलग से जारी होंगे। पिछले 17 दिनों के भीतर तीन अलग-अलग घटनाओं में अंग -भंग हिंसा की शिकार हुई तीनों महिलाओं को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। कोरोना संक्रमण का दूसरा चरण अधिक व्यापकता के साथ फैल रहा है ऐसे में होली पर्व को शिवराज की इस सलाह कि "मेरी होली-मेरे घर " पर पूरी शिद्दत के साथ अमल करें ताकि हम चलते फिरते कोरोना वायरस का वाहक बनने से बच सकें।
पिछले 17 दिनों के भीतर प्रदेश में हुई तीन अलग-अलग घटनाओं में जो घरेलू हिंसा हुई, उसमें पत्नियों के साथ हैवानियत की पराकाष्ठा हुई है और उसने निश्चित तौर पर सबको हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि पति का पत्नी के हाथ काटना बहुत ही गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है तथा तीनों मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेंगे। आरोपियों के खिलाफ धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने में कोई कोताही नहीं होना चाहिए। शिवराज का मानना है कि तीनों घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं तथा उनको लगता है कि महिलाओं के साथ अपराध की घटनाओं से ज्यादा चिंताजनक घरेलू हिंसा है, महिलाओं को घर में स्वतंत्रता मिलना चाहिए तथा इन सब पहलुओं को ध्यान में रखकर नया कानून बनाया जाएगा। दूसरे ही दिन आज शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर आला अफसरों की एक बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री ने तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा है कि घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज करने के मामले में प्रावधानों को और अधिक कठोर करेगी ताकि आरोपियों को सख्त सजा मिल सके। इस बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रदेश में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए 700 पुलिस थानों में महिला डेस्क 31 मार्च से शुरू हो जाएंगी और संबंधित थाने के प्रभारी ही महिला डेस्क के प्रभारी रहेंगे। महिला डेस्क की संचालक थाने में पदस्थ महिला अधिकारी को बनाया जाएगा तथा प्रधान आरक्षक इस डेस्क के समन्वयक होंगे ।
ये हैं हैवानियत की तीन घटनाएं
पिछले 17 दिनों के भीतर शिवराज को कड़े कदम उठाने और सख्त तेवर दिखाने के लिए बाध्य करने वाली तीन घटनाओं में से पहली घटना 9 मार्च को राजधानी भोपाल में हुई जिसमें निशातपुरा की पारस कॉलोनी निवासी संगीता पर पति प्रीतम सिंह सिसोदिया ने फरसे से हमला कर एक हाथ और एक पैर का पंजा काट दिया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर हाथ जोड़ा लेकिन बाद में उसे काटना पड़ा। दूसरी घटना में 24 मार्च को रात 11 बजे सागर के बामनहोरा ग्राम निवासी आरती गौड़ पर पति रणधीर ने कुल्हाड़ी से हमला कर दोनों हाथ काट दिए उसके बाद दूसरे दिन परिजनों ने राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया ऑपरेशन के बाद आरती का इलाज चल रहा है। हैवानियत की पराकाष्ठा करने वाली तीसरी घटना में बैतूल के चिचोली में पति ने सो रही पत्नी पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। उसने पत्नी का एक हाथ दूसरे हाथ की तीन उंगलियां काटकर अलग कर दीं तथा कुल्हाड़ी का एक बार चेहरे पर भी किया जिससे पत्नी की हालत गंभीर है ।
"मेरी होली-मेरे घर" का पालन करें
शिवराज ने कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की पृष्ठभूमि में प्रदेश वासियों से अपील की है कि त्योहारों को सादगी और सावधानी से मनाएं। उनका कहना है कि "मेरी होली- मेरे घर" का पालन इस समय करना नितांत जरूरी है। हम परंपराएं पूरी करें रस्म भी निभाएं पर यह भी ध्यान रखें कि यह आपदा धर्म है। मुख्यमंत्री आपदा धर्म का निर्वहन करने की जो बात कह रहे हैं वह पूरी गंभीरता से सबको अमल में लाना चाहिए तभी हम कोरोना संक्रमण से अपने को खुद, अपने परिवार और अन्य लोगों को बचा सकेंगे तथा प्रदेश को संक्रमण मुक्त करने की जो मुहिम मुख्यमंत्री चला रहे हैं उसमें अपना सहयोग दे सकेंगे। होली तथा अन्य जो भी तीज त्यौहार हैं उन्हें मनाने की रस्म पूरी करें पर कोरोना गाइडलाइन का भी ध्यान रखें। प्रदेश में अब सात नहीं 12 शहरों में रविवार को लॉकडाउन रहेगा। बढ़ते हुए केसों के मद्देनजर मुख्यमंत्री खुद लगातार उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे हैं और उसके बाद जो भी एहतियात बरतने पर वह जोर दे रहे हैं उसके प्रति जरा सी भी लापरवाही या उदासीनता घातक हो सकती है इसे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर तथा राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस की रफ्तार चिंतनीय है। बीते 24 घंटों के जो आंकड़े शनिवार को सुबह सामने आए उसके अनुसार इंदौर में 612 तथा भोपाल में 425 और संस्कारधानी जबलपुर में 156 नए केस आए हैं। मुख्यमंत्री निरंतर समीक्षा कर रहे हैं और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुछ और सख्त पाबंदी लगा सकते हैं पर वह ऐसा केवल आपदा धर्म का निर्वाहन करने के लिए ही करेंगे। हम सब होलिका, रंग गुलाल के पर्व और शब-ए- बारात को प्रतीकात्मक ढंग से ही मनाएं। वैसे तो हर मामले में भाजपा और कांग्रेस कभी भी एकमत नहीं होते हैं लेकिन पाबंदियों के बीच होली मनाने को लेकर दोनों के कुछ नेताओं के बीच जिस प्रकार से एक राय इंदौर और भोपाल में सामने आई है वह वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए नहीं आती तो ज्यादा बेहतर होता। संक्रमण किसी जाति धर्म या व्यक्ति के रसूख को देखकर नहीं आता है इसलिए इस मामले में बिल्कुल राजनीति नहीं होना चाहिए और सभी लोगों को इस आपदा को देखते हुए हर पाबंदी का पालन करते हुए त्यौहार मनाना चाहिए। कितना अच्छा होता राजनीतिक दल प्रदेश हित के व्यापक मुद्दों पर भी कभी-कभी एक मत हो जाते।
और यह भी...
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सचिन तेंदुलकर के कोरोना संक्रमित होने पर एक ट्वीट में कहा है कि जब क्रिकेट के भगवान भी अछूते नहीं रह सकते तो फिर आप और हम क्या है? कृपया मास्क लगाएं, सावधानी रखें, अपने आपको और आपके अपनों को कोविड-19 से बचाएं। सचिन के शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं। शिवराज के इस ट्वीट का मकसद यही है कि हम यह समझें कि संक्रमण किसी को भी हो सकता है इसलिए सतर्कता जरूरी है और निर्देशों का पालन करने के प्रति तनिक सी भी उदासीनता ना दिखाएं।
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