एक्शन में शिवराज : इकबाल से चलती है इस्तकबाल सरकार
Updated on
10-02-2021 12:45 PM
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों काफी तीखे तेवर दिखा रहे हैं तथा दिन प्रतिदिन उसमें और अधिक तल्खी घुलती जा रही है। शासकीय अमले पर हाल ही में हुए हमले की घटना के बाद पहले से ही विभिन्न माफियाओं को नेस्तनाबूद करने के लिए प्रशासन शिवराज के निर्देश के बाद कड़ी कार्रवाई कर रहा है लेकिन हाल ही की घटनाओं ने यह भी बता दिया है कि अपराधियों और माफिया पर प्रशासन और वर्दी का खौफ कम होता जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री का और अधिक सख्त हो जाना स्वाभाविक है। इस्तकबाल सरकार हमेशा इकबाल से चलती है और जब इकबाल बुलंद होता है तब ही वांछित परिणाम सामने आते हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा नेता बाबूलाल गौर आपसी बातचीत में अक्सर कहा करते थे कि सरकार इकबाल से चलती है और इकबाल का बुलंद होना इसके लिए जरूरी है। शिवराज भी इसीलिए चौथी बार प्रदेश की कमान संभालते ही एक्शन मोड में आ गए लेकिन लगता है कि अपराधियों पर अभी तक वर्दी का खौफ जो उनके दिलोदिमाग से बहुत कम हो चुका था वह अभी भी प्रशासन की सख्ती के बाद पूरी तरह से अपना खौफ पैदा नहीं कर पाया है। जरूरी है कि मुख्यमंत्री को सरकार का इकबाल बुलंद हो उसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को ताकीद करते हुए उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करना चाहिए, तब ही उनकी मंशा के अनुकूल वांछित नतीजे आ पाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर, आईजी- एसपी की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर तीखे तेवर दिखाते हुए उनके द्वारा दिए गए टास्क में अपेक्षित परफारमेंस ना देने के कारण दो कलेक्टर, दो एसपी और एक सीएसपी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल अपने पदों से हटा दिया। मुख्यमंत्री ने पिछले टास्क के बारे में प्रत्येक अधिकारी से हिसाब लिया और कोई खास परफारमेंस ना देने वाले बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह, नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे तथा कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर पिछड़े गुना एसपी राजेश सिंह और निवाड़ी एसपी वाहिनी सिंह के साथ ही गुना की सीएसपी नेहा पच्चीसिया का तबादला कर दिया। कानून व्यवस्था से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। शिवराज ने दोटूक शब्दों में यह स्पष्ट कर दिया कि उनके अपने सोर्स हैं जो परफॉर्म नहीं करेगा उसे परिणाम भुगतना पड़ेंगे। मुख्यमंत्री के सरकारी सूचना तंत्र के अलावा यदि खुद के समानांतर सूचना प्राप्ति के सोर्स होंगे तो उन्हें प्रशासनिक कसावट लाने और कोताही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की नकेल कसने में आसानी होगी। ऐसा होने पर ही जरूरतमंदों को राहत और बदलाव का एहसास होगा। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अधिकारियों का रुख जनोन्मुखी और आम लोगों प्रति सहानुभूति पूर्ण होना चाहिए। शिवराज सरकार का केंद्रीय फोकस इसी दिशा में है। शिवराज ने आला अधिकारी को टिप्स देते हुए कहा कि हम सख्त रहेंगे तो गड़बड़ी रुकेगी। हमने गलती की तो गड़बड़ी की संभावना बन जाती है। इसलिए वह सख्त रहें और गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल एक्शन लें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शराब, खनन माफिया और चिटफंड कंपनियों पर करारा प्रहार जारी रखें। खाद्यान्न खरीदी में मैदानी अधिकारियों की तैनाती कर फॉलोअप लिया जाए तथा जो गड़बड़ी कर रहे हैं उन्हें फॉलो अप कर सजा दिलाएं। शिवराज एक बार फिर यह रेखांकित करना नहीं भूले कि प्रदेश में माफियाओं को कतई ना बख्शा जाए क्योंकि हमें प्रदेश के विकास के लिए दो प्रकार की कार्रवाई करना है। एक ओर तो माफियाओं को नेस्तनाबूद करना है और दूसरी ओर विकास कार्य भी अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य लगाकर करना है।
माफिया पर हो रही प्रभावी कार्रवाई
मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक के पहले मंत्रियों को प्रदेश भर में माफियाओं के खिलाफ सतही नहीं अपितु प्रभावी कार्रवाई होने का दावा करते हुए बताया कि माफियाओं से करोड़ों रुपए वसूल कर पीड़ितों को राशि दिलाई गई तथा मध्य प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि माफिया से वसूल कर गरीबों को राशन दिलाया गया। राशन की कालाबाजारी करने वाले अधिकारी की संपत्ति नीलाम कर उन गरीबों को राशन दिलाया जा रहा है जिनको राशन नहीं मिला था। वहीं अवैध रूप से चल रही है 6 फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया जा चुका है। अभी तक चिटफंड कंपनियां प्रदेश की भोली-भाली जनता का पैसा निवेश कराने के नाम पर खाकर भाग जाती थीं लेकिन अब ऐसा कतई नहीं होने देंगे। बदमाशों को पकड़ कर उनकी संपत्ति नीलाम कर प्रभावितों को भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे, उसका परिणाम है कि माफियाओं से अब तक 800 करोड़ रुपए वसूल कर 50 हजार प्रभावितों को भुगतान कराया गया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से नवाचार बढ़ाने और उसकी जानकारी केबिनेट को देने के साथ ही यह गुर भी बताया कि हमारे मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं पर यह जनता को भी पता लगना चाहिए। सभी मंत्री अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर नवाचार शुरू करें और यह भी सुनिश्चित करें कि जनता को इससे अधिकतम फायदा हो।
और अंत में..............
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर-कमिश्नर और एसपी-आईजी कान्फ्रेंस में आम जन के विश्वास पर खरा उतर कर दिखाने के लिए जवाबदेही की कसौटी पर स्वयं को भी प्रस्तुत कर दिया । यह बात उन्होंने कुछ इस अंदाज में कही कि निष्पक्ष मूल्यांकन होगा और उसमें मैं भी शामिल हूं। इस तरह से उन्होंने नौकरशाही और सहयोगी मंत्रियों को स्पष्ट शब्दों में संकेत दे दिया है कि अब परफारमेंस की कसौटी पर सभी को खरा उतर कर दिखाना होगा। मुख्यमंत्री के संदेश को उसी भावना के साथ मैदानी स्तर तक के अमले को पहुंचाना होगा तभी इसका असर दिखेगा बशर्ते कि उनमें जिम्मेदारी का अहसास हो और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए शहरों के विकास के साथ ही गांव का भी कायाकल्प करना होगा। शिवराज की सोच है कि मध्यप्रदेश प्रदेश के विकास के लिए हम सभी एक है और यदि हमारे प्रयासों में कुछ कमी रह जाती है तो यह प्रदेश के अहित होने का पाप होगा।
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