मिलावटखोरों की नकेल कसने सख्त कानून बनाएगी शिवराज सरकार
Updated on
24-12-2020 12:09 PM
ग्वालियर में मरीज को मिलावटी रक्त प्लाज्मा दिए जाने का मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे काफी गंभीरता से लिया है और अब हर प्रकार के मिलावटखोरों पर नकेल डालने के लिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं। 28 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र में कानून लाया जाएगा जिसे कल कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी। आशंका है कि जब चंद पैसों के लालच में मिलावटी प्लाज्मा चढ़ाया जा सकता है तो फिर अब समय आ गया है जब सरकार ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़े से कड़ा रुख अख्तियार करे। सामाजिक सरोकारों के चलते संवेदनशील रहने वाले शिवराज ऐसे मामलों की कैसे अनदेखी कर सकते थे जिससे सीधा-सीधा मानव जीवन को खतरा पैदा हो।
उन्होंने बिना देरी किए कड़ा कानून बनाने की न केवल पहल की बल्कि उसे कैबिनेट से भी पास करा दिया। राज्य विधानसभा में इस प्रकार के कानून को पास करने में कोई दिक्कत शायद ही आए क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए अभियान छेड़ चुके थे। मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर हर तरह के माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब शिवराज सरकार ने कानून में संशोधन करने के लिए जो बजट तैयार किया है उसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। कोरोना वैक्सीन में भी मिलावट की जा सकती है ऐसी आशंका राज्य सरकार को है इसलिए तत्काल ही प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
मिलावटखोर इतने नीचे तक गिर सकते हैं की जानलेवा बीमारी से जूझ रहे मरीज को मिलावटी प्लाज्मा दे सकते हैं तो फिर इससे पहले की ऐसे लोगों के हौंसले अधिक बुलंद हों उनकी नकेल कसी जाए। सरकार की यह पहल स्वागत योग्य है और जितने अधिक से अधिक वह इस प्रकार के तत्वों से सख्ती से पेश आए उतना आना चाहिए क्योंकि मिलावट का अपराध कभी क्षमा नहीं किया जा सकता। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ व इंटरपोल ने भी कोरोना वैक्सीन में मिलावट की आशंका जताई है। गृह मंत्री ने कहा है कि सरकार ने विधि दंड (मात्रा संशोधन) विधेयक -2020 तैयार किया है। अब इसे विधानसभा में पारित कराकर अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसमें धारा 272 से लेकर 276 में संशोधन प्रस्तावित है। अभी तक 6 माह की सजा का प्रावधान था जिसे उम्रकैद में बदला जा रहा है।
मिश्रा के अनुसार इसमें एक नया प्रावधान जोड़ा गया है कि कोई भी एक्सपायरी चीजें बेचते हुए पाया जाएगा तो उस पर भी कार्यवाही होगीत तथा इसके लिए 5 साल के कारावास का प्रावधान रखा गया है। 273 (क) में मिलावट करने और बेचने पर दोषी को आजीवन कारावास का प्रावधान भी है। केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद ऐसा कानून बनाने बाला चौथा राज्य मध्यप्रदेश हो जाएगा। अभी तक पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में ऐसे कानून हैं। इस प्रकार अब एक्सपायर्ड दबाएं और खाद्य सामग्री बेचने वालों तथा मिलावट करने वालों की खैर नहीं है क्योंकि सरकार उन पर कठोर कार्रवाई करने के लिए संकल्पित हो गई है। मध्यप्रदेश में इस प्रकार का सख्त कानून पहली बार बन रहा है।
केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं होगा अपितु गोरख- धंधा करने वालों पर प्रशासन को भी नजर रखना होगी ताकि इस प्रकार की गतिविधियां ना हो पाए। इस प्रकार का कारोबार करने वालों की सांठगांठ निचले स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों से भी होती है तथा उसकी अनदेखी के बिना ऐसे धंधे हो ही नहीं सकते। कुछ पुलिस वाले भी सांठगांठ करते हैं ऐसे लोगों पर उच्च स्तर से सतत निगरानी की भी पुख्ता व्यवस्था करना होगी तभी सरकार जिस उद्देश्य से यह कदम उठा रही है वह सफल हो सकेगा और कोई लोगों की सेहत और जिंदगी से खिलवाड़ करने का दुस्साहस नहीं कर पाएगा।
और अंत में............
शिवराज सरकार अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान छेड़े हुए हैं तो कहीं-कहीं उस पर सवाल भी उठने लगे हैं। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अजयसिंह ने रीवा में सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों के इकलौते केंद्र भगवान परशुराम आश्रम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इशारे पर प्रशासन द्वारा अचानक ढहाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस समय आश्रम ढहाया जा रहा था, उस समय वहाँ पर ढोल मंजीरों के साथ राम नाम का संकीर्तन चल रहा था। उन्होंने कहा कि यह घटना देश के साधु संतों का घोर अपमान है।
देश के कई संत महात्मा राम वन पथ गमन और चित्रकूट यात्रा के दौरान यहाँ रुकते थे। अजय सिंह का आरोप है कि सरकार के दुर्भावनावश किए गए इस कार्य से भगवान परशुराम और भगवान राम के प्रति आस्था रखने वाली तमाम धर्म परायण जनता के विश्वास को तोड़ने का जो काम किया गया है उससे सभी को आघात पहुंचा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि पूरे प्रदेश में अतिक्रमण करके जो धार्मिक स्थल सालों से निर्मित हैं, उन्हें वे कब गिराने वाले हैं? इसकी सिलसिलेवार कार्ययोजना वे शीघ्र घोषित करें। अजय सिंह का कहना है कि यह पूरी कार्यवाही राजनीति से प्रेरित है और समय आने पर विंध्य की जनता इसका जवाब जरूर देगी।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…