नक्सलवाद की चिंता और चुनौती पर शिवराज ने दिल्ली में किया मंथन
Updated on
20-01-2021 02:36 PM
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक दिवसीय 18 जनवरी का देश की राजधानी नई दिल्ली का प्रवास काफी व्यस्तता से भरा रहा लेकिन इसमें भी केंद्र सरकार से कुछ ना कुछ सौगात प्रदेश में लाने में सफल रहे। यह कहा जा सकता है कि देश की राजधानी दिल्ली का व्यस्ततम दौरा जिस उद्देश्य से शिवराज ने किया उसमें अपने साथ कुछ ना कुछ सौगात लेकर लौटे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि नक्सलवादी समस्या के साथ ही प्रदेश के राजनीतिक हालातों और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई ही होगी। ऐसा हो ही नहीं सकता कि शिवराज जब अमित शाह से रूबरू हुए होंगे तो राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा ना हुई हो।
शिवराज ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से राष्ट्रीय आपदा निधि कोष के अंतर्गत 1906 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। शिवराज ने अमित शाह से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर प्रदेश में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु राजनीतिक विषयों पर चर्चा के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किये जाने का भी अनुरोध किया। नक्सलवादी गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि मध्यप्रदेश में बालाघाट और मण्डला नक्सल प्रभावित जिले हैं, जहां पर समय-समय पर नक्सली गतिविधियों की सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं। अब नक्सली बालाघाट से आगे बढ़कर अमरकंटक क्षेत्र में भी अपनी गतिविधियों के विस्तार की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नक्सली क्षेत्र में हाकफोर्स की एक बटालियन, दो आईआर बटालियन तथा एक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियन तैनात की है। नक्सली गतिविधियों की सूचना एकत्रित करने के लिए एक विशेष शाखा भी बनाई गई है। शिवराज ने अमित शाह से चर्चा के दौरान दावा किया कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के ट्राई जंक्शन क्षेत्र में संयुक्त कैम्प के द्वारा नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है।
उन्होंने मध्यप्रदेश में बाढ़ के साथ ही साथ कीट व्याधि के संकट के कारण फसलों में हुए नुकसान को देखते हुए 1906 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय आपदा राहत निधि (एन.डी.आर.एफ.) से शीघ्र सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को पूर्व में राज्य सरकार द्वारा ज्ञापन भी दिया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें पूरी तरह नष्ट हो गयीं थी और मकान आदि अचल सम्पत्ति को भी बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ था। इसके लिए राज्य सरकार ने 3646.41 करोड़ रुपये की मदद का अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार से अभी तक राष्ट्रीय आपदा राहत निधि कोष के अंतर्गत 611 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति प्रदान हुई है। मुख्यमंत्री ने धन्यवाद देते हुए शेष राशि शीघ्र देने की मांग की।
सैनिक स्कूल और एम्स की मांग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवराज के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया कि भिंड में एक सैनिक स्कूल खोला जाएगा। इसके बाद तत्काल मुख्यमंत्री ने उनसे मांग कर डाली की जब तक सैनिक स्कूल भवन नहीं बन जाता तब तक निजी भवन में स्कूल संचालित करने की अनुमति दी जाए। इस प्रकार शिवराज ने एक तीर से दो निशाने साधने का कौशल दिखाया। एक तो उन्होंने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुश कर दिया क्योंकि उनके समर्थक ओ.पी.एस. भदौरिया पिछले साल उपचुनाव में भिंड जिले के मेहगांव से चुनाव जीते हैं और दूसरे भिंड से सरकार को समर्थन दे रहे बसपा विधायक संजीव सिंह को भी साध लिया। उन्होंने रक्षामंत्री को बताया कि ग्वालियर चंबल संभाग के जवान बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।
फिलहाल मध्यप्रदेश में एक ही सैनिक स्कूल रीवा में है। रक्षामंत्री को जानकारी दी कि ग्वालियर के महाराजपुर क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट के लिए 56685 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से उन्होंने सिवनी में मेडिकल कॉलेज और मध्यप्रदेश में एक और एम्स खोलने की मांग की। सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं और इसके लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा है। भोपाल के गैस पीड़ितों का इलाज अच्छे ढंग से हो सके इसलिए शिवराज ने यहां के गैस अस्पताल को आईसीएमआर के बजाय एम्स को सौंपने की बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि इससे वहां चिकित्सा की सुविधाएं मिलने के साथ ही साथ रिसर्च भी होगी। मुख्यमंत्री ने नितिन गडकरी से सीआरएफ में सड़कें मांगी तो वहीं दूसरी ओर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से पन्ना की एनडीएमडीसी की लीज बढ़ाने और सिंगरौली में कोल ब्लॉक के लिए वन विभाग हरी झंडी देने के बारे में चर्चा की। इसके साथ ही विवादास्पद तांडव के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने तथा ओटीपी प्लेटफार्म पर भी सेंसर लगाने की मांग की।
और अंत में................
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंगलवार को प्रत्येक मंत्री को निर्देश दिया कि वह अपने-अपने विभागों से संबंधित एक इनोवेटिव आइडिया दें। जिस पर विचार विमर्श कर उसे लागू करने के संबंध में निर्णय किया जाएगा। मुख्यमंत्री की सोच हर विभाग में कम से कम एक नवाचार करने की है। अब देखने की बात यही होगी कि मंत्री क्या नवाचार अपने विभाग में करना चाहते हैं। शिवराज ने फिर दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए दोटूक लहजे में कहा है कि प्रदेश में शराब माफियाओं को पूरी तरह कुचलना है इसलिए यह अभियान जारी रहेगा और माफियाओं को कुचलकर ही वे चैन की सांस लेंगे। बिना दिग्विजय सिंह या अन्य नेता का नाम लिए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने तंज किया कि श्रीराम मंदिर निर्माण में जनता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है और अपना सहयोग दे रही है। विपक्षी चंदा इसलिए दे रहे हैं ताकि वह हिसाब मांग सकें। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद दिग्विजय सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व में एकत्र किए गए धन संग्रह का हिसाब पूछ रहे हैं।
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