मध्यप्रदेश में पिछले दो दिन में सर्दी से दो लोगों की जान चली गई है। गुरुवार सुबह डिंडौरी बस स्टैंड पर अधेड़ की ठंड से मौत हो गई। उसकी पहचान नहीं हो पाई है। इससे पहले बुधवार को बैतूल में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बरामदे में सो रहे युवक की अकड़ी हुई बॉडी मिली थी।
उत्तरी हवाओं की वजह से मध्यप्रदेश में रात और दिन लगातार ठंडे बने हुए हैं। खासकर पूर्वी हिस्से में दिन का टेम्प्रेचर 4.5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। बुधवार-गुरुवार की रात मंडला पूरे प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां रात का तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का तापमान 7.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 7.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, मलाजखंड में 9.3 डिग्री और रीवा में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बड़े शहरों में जबलपुर सबसे ठंडा बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में रात का तापमान 10.2 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 10.9 डिग्री, उज्जैन में 12.2 डिग्री और जबलपुर में 9 डिग्री सेल्सियस रहा। भोपाल में 6 दिन के बाद पारा 10 डिग्री के ऊपर पहुंचा। इससे पहले की छह रातों में पारा 8.8 डिग्री से 9.8 डिग्री के बीच रहा था। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया-
नवंबर के आखिरी सप्ताह में दिन-रात के टेम्प्रेचर में गिरावट होने का ट्रेंड है। इस बार भी ऐसा ही मौसम है। पश्चिम-उत्तर भारत में अगले 2 से 3 दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी और एमपी भी इसकी चपेट में आ जाएगा।
260 किमी/घंटे की रफ्तार से चल रही जेट स्ट्रीम मौसम वैज्ञानिक कुमार ने बताया कि पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीट 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। लेकिन इसकी ऊंचाई 12.6 किमी है, इस वजह से प्रदेश में असर कम है। जब हवा नीचे बहेगी तो कड़ाके की ठंड होगी।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह दौर शुरू हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार ज्यादा है।
प्रदेश के पूर्वी हिस्से में दिन का पारा लुढ़का बुधवार के दिन के तापमान की बात करें तो एमपी का पूर्वी हिस्सा ऐसा है, जहां तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। नरसिंहपुर में एक ही दिन में 4.5 डिग्री, मलाजखंड में 3.1 डिग्री, सीधी में 1.6 डिग्री, रीवा में 1.8 डिग्री, जबलपुर-नौगांव में 1 डिग्री तापमान गिरा।
पश्चिमी हिस्से के भोपाल, बैतूल, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी में भी पारा गिरा लेकिन धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में मामूली बढ़ोतरी रही।
भोपाल में पारा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा नवंबर में भोपाल में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है। यह 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड है।
मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में इस महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
इंदौर में रात का तापमान बढ़ा नवंबर में इंदौर में भी ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इंदौर में बुधवार को दिन का तापमान 27.0 (-2) और रात का तापमान 13.6 (0) डिग्री सेल्सियस रहा। रात के तापमान में एक डिग्री का इजाफा हुआ है। आज सुबह से मौसम साफ है। धूप खिली हुई है और ठंड कम है।
नवंबर में सबसे सर्द रहता है ग्वालियर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 6 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है।
2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है।