साध्वी शक्ति भारती के जन्मदिवस पर विशेष - छोटी सी उम्र मे लिया सन्यास औऱ आज पत्रकारिता के द्वारा कर रही समाज कल्याण
Updated on
10-07-2021 01:27 PM
यूं तो हमारा भारत देश अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा हुआ है मगर बावजूद इसके इस देश में एकता है। आपको पता होना चाहिए की प्राचीन समय से ही भारत देश को साधु-संन्यासियों का देश कहा जाता है। आप देखेंगे तो पाएंगे की इस देश में ऐसे बहुत से लोग है जो छोटी उम्र में ही अपना घर-बार सबकुछ त्यागकर साधु सन्यासी बने है।
आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे है जिसने उस उम्र में ही तमाम तरह के सुख, भोग, विलास यहाँ तक की अपना परिवार भी त्याग दिया और जब वो 1999 मे कक्षा 11वी मे थी तब सन्यासी बन गई है। वो औऱ कोई नही साध्वी शक्ति भारती है I अब उन्हें सन्यास लिए लगभग 21 साल वर्ष पुरे हो चुके है I
जब शक्ति 10वी मे थी तब साध्वी प्रज्ञा भारती की प्रेरणा से शिक्षा ली औऱ सन्यास ले लिया। शक्ति बताती है कि उन्हे बचपन से ही भगवान के प्रति गहरी आस्था थी। परिवार क़े लोगो ने कभी भी उसकी पूजा पाठ पर रोक नही लगाई। शक्ति का कहना है कि वह बचपन मे पुरानी इटारसी के काली मंदिर समिति से भी जुड़ी रही। वहां राम मंदिर मे घंटो पूजन किया करती थी। भगवान के प्रति विश्वास की भावना उनके दादाजी से प्राप्त हुई। साध्वी शक्ति भारती ने छोटी सी उम्र में साध्वी बनकर बाद में पत्रकारिता में ऊंचा मुकाम पाया। ये कमाल की पत्रकार हैं, और जब बोलना शुरू कर देती हैं तो लोग सिर्फ सुनते रहते हैं। अक्सर लोगों के पास इनके तर्कों का कोई जवाब नहीं होता औऱ हर मुद्दे क़ो ईमानदारी क़े साथ समाज क़े सामने लाती है। इनकी कलम की ताकत से भष्टाचारियों की रूह कांप जाती है। ऐसी अनमोल प्रतिभा की धनी साध्वी शक्ति भारती का आज 10 जुलाई क़ो इनका जन्मदिन है। जन्मदिन क़े दिन ही इन्होने सन्यास लिया था औऱ आज 21वर्ष इनके सन्यास क़ो पूरे हो गए है। साध्वी प्रज्ञा भारती से जुड़ी रही शक्ति भारती बचपन से ही हिंदू धार्मिक ग्रंथों में रुचि लेने लग गई थीं। परिणामस्वरूप उनके स्वभाव और व्यक्तित्व में इस विशेषता की झलक साफ दिखाई देती है।वे एक आत्म-विश्वासी औऱ निडर पत्रकार हैं।शक्ति ने अविवाहित रहकर अपना जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में औऱ समाज का कल्याण करने मे लगाने का निश्चय कर लिया है।
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