विशेष विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर बनेगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप
Updated on
08-08-2020 09:16 PM
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य अकेले सरकार नहीं कर सकती, इसके लिए सभी का सक्रिय सहयोग आवश्यक है। देश के यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का मध्यप्रदेश ने बीड़ा उठाया है तथा इसके लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। रोडमैप निर्माण में विषय विशेषज्ञों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए वेबीनार आयोजित किए जा रहे हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्ययोजना तैयार कर उस पर त्वरित गति से अमल किया जाएगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का हमने 3 वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वेबीनार में प्राप्त महत्वपूर्ण सुझाव
'चंबल प्रोग्रेस-वे' तथा 'नर्मदा एक्सप्रेस-वे' को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा।
उद्योग तथा व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी गठित की जाए।
मध्यप्रदेश को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाए।
सभी शहरी बायपास तथा रिंग रोड स्ववित्त पोषित परियोजना के रूप में लिए जाएं।
परिवहन से संबंधित कर प्रणाली को सरल, स्पष्ट व सुविधाजनक बनाया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए।
नागरिक सुविधाओं की सरल व समय-सीमा में डिलेवरी के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार किया जाए।
सभी नागरिक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएं।
फल तथा सब्जियों के परिवहन के लिए व्यवहारिक लॉजिस्टिक समाधान दिए जाएं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो।
2024 तक प्रदेश कर हर घर नल-जल से जुड़े।
कौशल विकास के लिए 50 हजार प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैसन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था।
प्रदेश की 225 सिंचाई परियोजनाएं वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य। वर्ष 2026 तक सिंचाई क्षमता को 75 लाख हैक्टेयर तक ले जाने की योजना।
प्रदेश विद्युत आपूर्ति और सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में अग्रणी बने।
शहरी क्षेत्रों में तीन लाख ई.डब्ल्यू.एस. आवास तैयार किए जाने की योजना
सभी शहरी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और इसकी रीसाईकिलिंग का लक्ष्य।
नगरीय क्षेत्रों में ई-व्हीकल चार्जिंग के लिए अधोसंरचना निर्माण की योजना।
प्रदेश में क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा।
इंदौर और भोपाल में 'प्राइयोरिटी कॉरीडोर' निर्माण।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वेबीनार में सुरेश प्रभु, नीति आयोग के अमिताभ कांत व अन्य विशेषज्ञों के द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए दिए गए म.प्र. में नेशनल लॉजिस्टिक हब, बफर में सफर, 'नर्मदा टूरिज्म, एयर कार्गो, फ्यूचरस्टिक इंडस्ट्री, टाइगर रिजर्व एडॉप्टेशन, रॉउण्ड टेबल कॉन्फ्रेंस आदि सुझाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इन पर तत्परता से अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान वेबीनार के माध्यम से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के भौतिक अधोसंरचना के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
वेबीनार में सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कोरोना संकट में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इससे उबरने के लिए आत्मनिर्भरता के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह अत्यंत हर्ष की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को मूर्त रूप देने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में पहल की है, तथा विषय विशेषज्ञों की राय से इसका रोडपमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल है। यहां से शुरूआत होगी तो पूरे देश में यह सफल रहेगा।
मध्यप्रदेश को ग्लोबल वैल्यू चैन एवं ग्लोबल सप्लाई चैन से जोड़ना होगा
सुरेश प्रभु ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए प्रदेश को 'ग्लोबल वैल्यू चेन' एवं 'ग्लोबल सप्लाई चेन' से जोड़ना होगा। मध्यप्रदेश में 'एयर कार्गों' सेवाओं का विस्तार करना होगा। मध्यप्रदेश को नेशनल लॉजिस्टिक हब बनाने की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इसके आंतरिक व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। मध्यप्रदेश के कृषि उद्योगों को विदेश में बाजार उपलब्ध कराना होगा। मध्यप्रदेश के बासमती चावल सहित जिलावार वहां की विशेष वस्तुओं की जी.आई. टैगिंग करानी होगी।
मध्यप्रदेश में आएं विश्व की फ्यूचरिस्टिक इंडस्ट्रीज
श्री प्रभु ने कहा कि मध्यप्रदेश को प्रयास करने होंगे कि यहां विश्व की 'फ्यूचरिस्टिक इंडस्ट्रीज' आएं। मध्यप्रदेश में टूरिज्म एवं टाइगर सफारी को बढ़ावा देना होगा। प्रदेश के टाइगर रिजर्व को एडॉप्ट करना यहां के टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक होगा। प्रदेश में जिलेवार विकास का मॉडल बनाना होगा तथा वहां की विशेषताओं के क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। हर जिले में रोजगार के अवसर एवं संसाधनों का विकास कर हर जिले को आत्मनिर्भर बनाना होगा।
वेबीनार के समापन सत्र में लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाहा, सीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड के एम.डी. जे. सतीश कुमार राव, विषय विशेषज्ञ चेतन्य वैद्य तथा हितेन्द्र मेहता आदि ने भाग लिया। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी सहभागियों का आभार माना। वेबीनार में भौतिक अंधोसंरचना समूह के टीम लीडर अपर मुख्य सचिव आई.सी.पी. केशरी ने जल, पर्यटन, ऊर्जा, सड़क, नगरीय अधोसंरचना और परिवहन तथा लॉजिस्टिक पर गठित उप समूहों के सुझावों और रोडमैप के बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया।
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