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कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर ‘भूपेश-नरोत्तम‘ में रार

Updated on 03-01-2022 02:27 PM
छत्तीसगढ़ की धर्म संसद में कालीचरण महाराज द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग तथा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन उन्हें उस समय भारी पड़ गया जब छत्तीसगढ़ की पुलिस ने छतरपुर जिले में आकर उन्हें गिरफ्तार किया और अपने साथ रायपुर ले गई। मध्यप्रदेश पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाई और वह हाथ मलते रह गई। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी के तौर-तरीके पर एतराज जताते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस से जवाब-तलब करने की बात कही तो एक अलग अंदाज में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधे-सीधे नरोत्तम मिश्रा से पूछ डाला कि वह यह बतायें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए अपशब्द कहने वाले कालीचरण की गिरफ्तारी से वह खुश हैं या दुखी। कालीचरण को 13 जनवरी तक न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है, इस प्रकार फिलहाल उन्हें 14 दिन जेल में गुजारने पड़ेंगे। शायद उन्होंने यह नहीं सोचा था कि महात्मा गांधी को अपशब्द कहने के बाद उन्हें इतनी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द बोलने वाले कालीचरण को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो कालीचरण हैं या गालीचरण ? क्या उसे गाली देने के लिए भेजा गया था और उसके पीछे क्या उद्देश्य है ? इससे पहले उन्हें छत्तीसगढ़ में कभी नहीं देखा गया लेकिन अचानक प्रकट हुए और महात्मा गांधी के खिलाफ अनर्गल बातें व हत्यारे गोडसे की प्रशंसा करने लगे। छग के एक बड़े भाजपा नेता और पूर्व गृहमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी छत्तीसगढ़ पुलिस की सक्रियता पर सवालिया निशान लगाते हुए उसके तौर-तरीकों पर एतराज जताया। महाराष्ट्र पुलिस को भी कालीचरण की तलाश है क्योंकि उनके विरुद्ध वहां भी एक मामला दर्ज है और वह भी कालीचरण को गिरफ्तार करने आ सकती है। 
     सीधे-सीधे तो भाजपा नेता कालीचरण का बचाव नहीं कर सकते लेकिन उनकी गिरफ्तारी को लेकर कुछ ऐसी बातें कह देते हैं ताकि उनका कुछ बचाव हो सके। चूंकि महात्मा गांधी को अपशब्द कहे हैं इसलिए कोई भी खुलकर उनका बचाव नहीं कर पा रहा है। जहां तक कालीचरण का सवाल है वे महाराष्ट्र के हैं और पुणे तथा अकोला में उनके खिलाफ केस दर्ज हैं। कालीचरण ने 13 साल पहले अकोला में पार्षद का चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी जमानत जब्त हो गयी थी। बाद में चेन्नई के एक संत से दीक्षा ली और उनका ज्यादातर समय चेन्नई में गुजरता है। वे रोज करीब चार घंटे जिम में गुजारते हैं। रायपुर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने को लेकर कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने छतरपुर जिले के गढ़ा ग्राम से गिरफ्तार कर लिया, ये गिरफ्तारी गुरुवार 30 दिसम्बर 2021 को सुबह चार बजे बागेश्वर धाम के निजी  स्टे होम से की गयी और उन्हें गिरफ्तार कर रायपुर ले जाया गया। रायपुर पुलिस ने कालीचरण को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया, दंडाधिकारी ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम व रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी उसके बाद से उनकी तलाश जारी थी। 
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद आपत्ति जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की पुलिस ने अंतर्राज्यीय प्रोटोकाल का उल्लंघन किया है, मध्यप्रदेश पुलिस को बिना जानकारी दिए गिरफ्तारी करना गलत है। उन्होंने कहा कि रात को 3 बजे सर्द रात में किसी के घर में घुसकर उसे पकड़ लाओ जैसे किसी कुख्यात अपराधी को पकड़ रहे हो या नक्सलवादी को पकड़ रहे हो। उन्होंने तंज किया कि नक्सलवादी तो पकड़े नहीं जा रहे हैं, लेकिन एक बाबा को पकड़ने के लिए आपने तरीका गलत अपना लिया। संघीय मर्यादायें इसकी इजाजत नहीं देती हैं। पहले आपको थाने को बताना चाहिये था। आप अंतर्राज्यीय भावनाओं के साथ खेल रहे हो। न पहले बताया और न बाद में बताया। ट्वीटर से आप सूचना दे रहे हो और मैं इसे अच्छा नहीं मानता। छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। कालीचरण के परिवार एवं वकील को जानकारी दे दी गयी है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना था कि किसी संघीय प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ है नरोत्तम मिश्रा को तो हमें सहयोग करना चाहिए तथा किसी अपराधी को नहीं बचाना चाहिये। वहीं नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मैंने मध्यप्रदेश के डीजीपी से कहा है कि छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात कर इस पर आपत्ति दर्ज करायें और स्पष्टीकरण लें। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस विधायक पी.सी. शर्मा ने आरोप लगाया कि कालीचरण महाराज राष्ट्रीय स्वयं सेवक के एजेंट हैं कायदे से इन्हें मध्यप्रदेश पुलिस को गिरफ्तार कर रायपुर पुलिस को सौंपना था। धर्म संसद में महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले कालीचरण के खिलाफ रायपुर सहित देश के कई शहरों में केस दर्ज किये गये थे। 
अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल ने महात्मा गांधी पर विवादित बोल के लिए गिरफ्तार कालीचरण को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाई शासन  का दुरुपयोग है और गांधीजी के सिद्धान्तों के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि जो हमारे आस्था के केन्द्र हैं, हमारा धर्म है, उसके खिलाफ कोई बोलता है तो सामान्य कार्रवाई होती है, ऐसे में एक व्यक्ति के बोलने पर राजद्रोह कैसे हो सकता है। लेकिन इसके विपरीत छत्तीसगढ़ के डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमनसिंह ने कालीचरण के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है गांधी को लेकर किसी भी तरह के बयान पर किसी भी सन्त के साथ वे नहीं हैं, गांधी का अपमान अनुचित है। रमनसिंह ने इसके साथ यह सवाल भी पूछा है कि छत्तीसगढ़ में लगातार भगवान राम का अपमान करने वाले, उनके विरुद्ध अपशब्द बोलने वाले, उनको दुष्ट बोलने वालों पर भूपेश बघेल सरकार कब कार्रवाई करेगी, यह भी तो छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है। वैसे मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कालीचरण ने जो कुछ कहा था उससे अपनी असहमति व्यक्त की थी। कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए जो ट्वीट किया था उस पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जवाब दिया है कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत ही गिरफ्तारी हुई है। 
और यह भी
बीते  वर्ष 2021 का अंतिम पखवाड़ा भाजपा कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों व मंत्रियों के लिए नसीहतों से भरा रहा। भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने मध्यप्रदेश में सत्ता व संगठन के नेताओं को पार्टी का जनादेश बढ़ाने के लिए 10 दिन में 100 घंटे काम करने का मंत्र देते हुए नसीहत दी है कि आपके व्यवहार से सत्ता का दंभ न झलके, हम फलदार वृक्ष हैं इसलिए झुक कर चलें। कार्यकर्ताओं का विशेष ख्याल रखें तथा वोट शेयर बढ़ायें। आजीवन सहयोग निधि 100 करोड़ रुपये जुटाने का भी उन्होंने लक्ष्य दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कांग्रेस पंचायत चुनाव में हार के डर से पहले हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट गई, सरकार ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव न कराने का फैसला लिया है, अब जिला प्रबंध समितियों की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता तक जाये और यह बतायें कि ओबीसी को आरक्षण से वंचित करने व चुनाव टलवाने का काम कांग्रेस ने किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने याद दिलाया है कि जिला प्रबंध समिति सिर्फ व्यक्तियों के नाम तय करने या राजनीतिक निर्णयों के लिए नहीं है बल्कि समाज में भाजपा की छवि बनाने के लिए है। जिस क्षेत्र में पार्टी कमजोर है वहां पार्टी का काम बढ़ाने पर चिंतन करें। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सीख दी कि जिला प्रबंध समिति का हर निर्णय देश और दलीय हित में होना चाहिये तथा स्वहित की चिंता न करें। जबकि प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा है कि हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं और कौन सा वर्ग या समाज हमसे नहीं जुड़ा है वह जुड़े यह देखना हमारी जिम्मेदारी है। अब देखने वाली बात यही होगी कि नये वर्ष में दिए गए लक्ष्य व नसीहत का खासकर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों पर कितना असर पड़ता है। वहीं दूसरी ओर शिवराज 2022 के नव वर्ष में 3 से लेकर 7 जनवरी तक लगातार  बैठक करेंगे और कुल मिलाकर 5 दिन में 52 समीक्षात्मक बैठक लेंगे।
अरुण पटेल,लेखक, प्रबंध संपादक, सुबह सवेरे   (ये लेखक के अपने विचार है )

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