दो महीने पहले भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन कचरा पीथमपुर स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री तक कंटेनरों में भरकर पहुंचाया गया था। लेकिन, कचरे के अनलोड होने से पहले ही स्थानीय लोगों ने विरोध तेज कर दिया। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
वहीं, रामकी ग्रुप के चेयरमैन अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी का कहना है कि पब्लिक की सोच और डर बिल्कुल गलत नहीं है। लेकिन उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे लोग तो 40 दिन से उसी साइट पर हैं। वहीं सोते हैं। जो प्लानिंग और एसओपी है, उसी के ग्लोबल स्टैंडर्ड के तहत कचरे को डिस्पोज किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरे के डिस्पोजल का ट्रायल शुरू करने का निर्देश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस ट्रायल पर रोक लगाते हुए सरकार को याचिकाकर्ता की आशंकाओं पर सुनवाई का समय दिया है।