Select Date:

राम मंदिर : सहयोग राशि देने के साथ दिग्विजय ने मांगा पुराना हिसाब

Updated on 19-01-2021 12:21 PM
मध्यप्रदेश में भी अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थल पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विश्‍व हिंदू परिषद बजरंग दल तथा संघ परिवार के अनुषांगिक संगठनों द्वारा धन संग्रह अभियान चालू किया गया है इसमें भाजपा कार्यकर्ता भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा अपने- अपने स्तर पर भी इस अभियान में सहयोग किया जा रहा है और कांग्रेस नेता तथा कार्यकर्ता सीधे ट्रस्ट के नाम से चेक देने की समझाइश दे रहे हैं। पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा के नेतृत्व में राजधानी में यह अभियान चलाया गया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह ने भी अपनी ओर से 1 लाख 11 हजार 111 रुपए का चेक राम जन्म भूमि ट्रस्ट के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माध्यम से भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ सवाल उठाते हुए पूर्व में भी मंदिर निर्माण के नाम पर जो धन संग्रह किया गया था उसका हिसाब भी पूछा है।
 छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मंदिर निर्माण के नाम पर जो धनराशि पहले एकत्रित की गई थी उसका हिसाब मांगा है। दिग्विजय ने हिसाब मांगने के साथ ही कुछ और सवाल उठाए हैं तथा प्रधानमंत्री मोदी से उनका उत्तर दिलवाने का अनुरोध किया है। अपनी तरफ से धनराशि भेजकर दिग्विजय ने इस प्रकार की धारणा जो बनाई जा सकती थी कि कांग्रेस असहयोग कर रही है वह ना बन सके उसका अवसर किसी को नहीं दिया है। उन्होंने अपनी इस भावना को भी साफ कर दिया है कि वह राम को राष्ट्रवाद से जोड़कर नहीं देखते हैं। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इस कथन का भी अपने पत्र में उल्लेख किया है कि ‘ धर्म राष्ट्रीयता की परीक्षा ना होकर मनुष्य और उसके ईश्‍वर के बीच का मामला है ’!
 दिग्विजय सिंह  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि विश्‍व हिंदू परिषद द्वारा 15 जनवरी 2021 से अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण हेतु 44 दिनों के राष्ट्रव्यापी चंदा अभियान की शुरूआत की गई है। इसके पहले से भी भगवान राम के मंदिर निर्माण हेतु अनेक ज्ञात और अज्ञात लोगों द्वारा देश के अनेक स्थानों पर चंदा एकत्रित करने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। भगवान राम, भारत सहित विश्‍व में कहीं भी रहने वाले प्रत्येक सनातनधर्मी की आस्था के केन्द्र हैं और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हम सब अयोध्या में शीघ्र ही भव्य राम मंदिर देखना चाहते हैं। दिग्विजय ने इस बात पर जोर दिया है कि चूॅकि धर्म निजी आस्था का विषय है जो मन, वचन और कर्म को पवित्र करके आत्मकल्याण के साथ लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है इसलिये कोई व्यक्ति कितना धार्मिक है, उसके द्वारा यह प्रदर्शित करना उसे अहंकार की ओर ले जा सकता है जो आत्मकल्याण तथा लोककल्याण के मार्ग में बाधक हो सकता है। इसी कारण मैं अपने धर्म का पालन कैसे करता हूँ यह बताना मैं हितकारी नही समझता। उन्होंने लिखा है कि भगवान राम मेरी और मेरे पूर्वजों की आस्था के केन्द्र हैं। इसलिये राम के बिना तो मैं अपने अस्तित्व की भी कल्पना नही कर सकता। मध्यप्रदेश के राघौगढ़ में मेरे घर में 400 वर्षों से भगवान राम (राघौजी महाराज) का मंदिर है जहां प्रतिदिन उनकी सेवा होती है। क्योंकि वह धर्म और आस्था को नितांत को व्यक्तिगत विषय मानते हैं इसलिए भगवान राम के संबंध में दिग्विजय ने लिखा है कि राम मेरे रक्त के कण-कण में मौजूद होने के बावजूद मैंने उनके नाम को अपनी राजनीति में कभी मिश्रित नही किया। इससे मुझे सुकून मिलता है और मैं अपने धर्म का सौदा होने से उसे बचा लेता हूँ। मैंने राम का उपयोग कभी राजनीति में नही किया है और न ही कभी करूंगा। 
दिग्विजय ने अपने  एक पुराने एतराज को फिर से रेखांकित करते हुए कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिये न्यास का जो गठन किया गया है उसमें सनातन धर्म के प्रमुख शंकराचार्यों में से किसी एक को भी सम्मिलित नहीं किये जाने पर मुझे एतराज रहा है। फिर भी मैं चाहूंगा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण यथाशीघ्र हो। चूंकि मुझे जानकारी नहीं है कि मंदिर निर्माण हेतु दान करने के लिये कहाँ और किस बैंक के किस खाते में राशि जमा करनी है, इसलिये मैं मंदिर निर्माण में अपने योगदान स्वरूप “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’’ के नाम से चेक  इस पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ। आशा है, आप इसे उचित खाते में जमा करवा देंगे।
 और अंत में.........
मध्यप्रदेश में चंदा उगाही के समय हुई तीन घटनाओं का उल्लेख करते हुए दिग्विजय ने अपने पत्र में लिखा है कि कुछ संगठन चंदा एकत्रित करने के लिये हथियार लेकर किसी एक समुदाय के खिलाफ भड़काने वाले नारे लगाना मेरी समझ से किसी धार्मिक अनुष्ठान या क्रियाकलाप का हिस्सा नही हो सकते, सनातन धर्म का तो कदापि नही। मध्यप्रदेश में इसकी वजह से तीन अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं तथा इससे सामाजिक ताने-बाने को क्षति हुई है। अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाओं की सूचनाएं मिल रही है।उन्होंने यह भी लिखा है कि आप देश के प्रधानमंत्री हैऔर आप भलीभॉति जानते है कि राम मंदिर के निर्माण कार्य में अन्य धर्म के लोगों का कोई विरोध नही है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के नाम पर चन्दा एकत्रित करनेे का जो कार्य हो रहा है वह सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वह देश की सभी राज्य सरकारों को भी यह निर्देश दें कि वे इस तरह की अप्रिय घटनाओ को अपने राज्य में होने से रोकें तथा विश्‍व हिन्दू परिषद को पूर्व में एकत्रित किये गये चंदे का लेखा-जोखा आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिये बाध्य करें।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक सुबह सवेर 
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 16 November 2024
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक  जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
 07 November 2024
एक ही साल में यह तीसरी बार है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखें चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद बदली हैं। एक बार मतगणना…
 05 November 2024
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
 05 November 2024
चिंताजनक पक्ष यह है कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार ज्यादातर वो लोग हो रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं और आमतौर पर कानून और व्यवस्था का सम्मान करने वाले हैं। ये…
 04 November 2024
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
 03 November 2024
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
 01 November 2024
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
 01 November 2024
संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी को बैसाखी के दिन सिंध प्रांत में सक्खर जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के जरवार ग्राम में हुआ था। उनके…
 22 October 2024
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…
Advertisement