आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और लोकायुक्त के बाद आयकर विभाग के अफसरों ने पूछताछ शुरू कर दी है। सोमवार को आयकर विभाग के 6 अफसरों की टीम पहली बार सौरभ से पूछताछ करने केंद्रीय जेल पहुंची।
दोपहर 3:15 बजे शुरू हुई पूछताछ रात करीब 8:15 बजे तक चली। 5 घंटे चली पूछताछ में आयकर अधिकारी दो ही सवाल पूछते रहे। 'कार में मिला सोना और कैश किसका था' और 'कार मेंडोरी के जंगल तक किसने पहुंचाई'।
सौरभ टीम को करता रहा गुमराह जेल सूत्रों की माने तो सौरभ लगातार आयकर विभाग की टीम को गुमराह करता रहा। उसने कैश और सोने से भरी कार से किसी भी प्रकार के लेनदेन से साफ इनकार कर दिया। उसने साफ किया कि कार मेरी नहीं है। जिसकी है उससे ही पूछताछ की जाए तो बेहतर होगा। हालांकि चेतन सिंह गौर पहले ही आईटी को दिए बयान में कार में भरा कैश और सोना सौरभ का होने का दावा कर चुका है।
कोर्ट ने दी थी पूछताछ की मंजूरी इससे पहले आयकर विभाग के आवेदन पर गुरुवार को न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने अफसरों से पूछा था कि सौरभ से पूछताछ करने कौन-कौन जाएगा? इसके बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने बगैर लिस्ट के ही मंजूरी दे दी थी।
3 मार्च को खत्म होगी न्यायिक हिरासत सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल दूसरी बार 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजे गए। इसकी अवधि 3 मार्च को खत्म होने वाली है। आयकर विभाग की टीम ने मेंडोरी के जंगल से पिछले साल 19 और 20 दिसंबर की रात इनोवा कार में 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त किए थे। इसी संबंध में सौरभ से पूछताछ की जाना है।
कार मालिक ने सौरभ का लिया था नाम आयकर विभाग के अफसरों ने इनोवा कार के मालिक चेतन सिंह गौर से पूछताछ की थी। उसने पूछताछ में बताया था कि कार उसके नाम से है। लेकिन उसका उपयोग सौरभ शर्मा करता है। चेतन ने कई अन्य जानकारियां भी दी। इसके बाद से आयकर विभाग के अफसरों को सौरभ से पूछताछ का इंतजार था।
साथियों से भी होगी पूछताछ आयकर विभाग के वकील इकराम खान ने बताया कि कोर्ट ने जेल मैन्युअल के आधार पर विभाग के अफसरों को पूछताछ की इजाजत दी है। इसके लिए कोई समय तय नहीं किया गया है। यह पूछताछ सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल तीनों से ही की जा सकेगी।