नई दिल्ली । प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम व निवेश प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ ने कहा है कि महामारी के इस दौर में भी राज्य सरकार ने पब्लिक सेक्टर में निवेश में कोई कमी नहीं की है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अपने तय समय पर बन जाएगा। लोग मार्च 2021 से इस एक्सप्रेस-वे पर चलने लगेंगे। सात अक्तूबर को जेवर एयरपोर्ट के लिए एग्रीमेंट हो जाएगा। कानपुर और आगरा मेट्रो का काम शुरू कराने के लिए सरकार ने अपने बजट से निवेश किया। एमएसएमई मंत्री ने उद्योग जगत के लोगों द्वारा सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक निवेश करने का सुझाव दिए जाने पर उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश किया था, इस जुलाई और अगस्त में भी उसी अनुपात में किया है। गंगा एक्सप्रेस-वे का डीपीआर तैयार कराया जा रहा है। किसानों की फसल खरीदने का समय हुआ तो एक अक्तूबर से एक हजार खरीद केंद्र खोल दिए गए। सरकार की यह कोशिश है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था ठीक से चलती रहे और मांग बनी रहे। राज्य सरकार ने लाकडाउन के दौरान स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं स्थापित करने का काम किया। नतीजा यह रहा कि हमारे यहां मृत्यु दर बहुत कम रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोई इंस्पेक्टर राज नहीं ला रही है। जीएसटी पर जो इंक्वायरी है वह धीरे-धीरे कम की जा रही है, और कम होती जाएगी। आज प्रदेश का एमएसएमई एक्ट एक पन्ने में है। आवेदन आने पर 72 घंटे में एनओसी देने की व्यवस्था की गई है। लैंड रेवेन्यू के तहत यदि किसी को पैसा नहीं मिला है तो उसके लिए 30 दिन के अंदर आरसी भी जारी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की 24 करोड़ आबादी पर मात्र 7.5 लाख एमएसएमई रजिस्टर्ड हैं, जबकि राज्य में 90 लाख एमएसएमई हैं। विभाग ने एमएसएमई साथी ऐप बनाया है। अधिक से अधिक एमएसएमई इस पर रजिस्टर्ड हों, विभाग उनकी समस्याओं का पूरा समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि उनके पास लखनऊ के कुछ मॉल के लोग आए थे, बता रहे थे कि उनका कारोबार चौपट हो गया है। यह भी कहा जा रहा है कि रिटेल रेस्टोरेंट का बिजनेस बंद हो गया है। जबकि जोमैटो और स्वीगी की सेल 100 फीसदी से अधिक हुई है। इसका मतलब यह है कि लोग खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मॉल संचालकों को उन्होंने सुझाव दिया है कि अपने मॉल की एक वेबसाइट बनाएं। उस वेबसाइट के माध्यम से मॉल में थ्री-डी के माध्यम से ग्राहक अंदर जाएंगे। जिस दुकान से उन्हें कुछ भी खरीदना है वहां आसानी से वह पहुंचेंगे। इसमें सरकार भी मॉल संचालकों की मदद करेगी। अमेजन, इबे आदि ई-कामर्स प्लेटफार्म से मॉल के सामान को बेचने का इंतजाम कराया जाएगा।