इस दौर में सरकार जनता के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं सोच रही बल्कि अधिकारी जो गणित दिखाते होंगे उसे मान्यता देती जा रही है। इसलिए टैक्स पर टैक्स बढ़ते जा रहे, अब जनता पर इतना भार हो गया कि उनकी सहनशक्ति जवाब दे गई। हर चीज की महंगाई बहुत उफान पर है उससे भी जनता मरी हुई थकी हुई है। चाहे पेट्रोल, खाध्दान, स्कूल फीस, बिजली का बिल हो, नगर निगम टैक्स हो,जीएसटी हो और भी अनेक प्रकार के टैक्स जनता भरते भरते थक गई। जनता ने चाहे कर्ज लेकर भरा उधार लेकर भरा या अपनी पूरी बचत खफा दी। पहले घर परिवार में एक व्यक्ति कमता था पूरा घर सुखी सुखी पलता था अब घर के अधिकांश सदस्य कमा रहे हैं फिर भी पैसों की किल्लत बनी हुई है। सरकार को अपने खजाना बढ़ाने की लगी हुई है और खजाने का पैसा कहां खर्च हो रहा है कितना भ्रष्टाचार में जा रहा है कितना चुनावी सभाओं में जा रहा है बड़े-बड़े वीआईपी नेता के आवागमन यह सब ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कौन पूछेगा। अब तो उम्मीद ही है कि वित्त मंत्री को जनता की परेशानी समझ मे आ जाए और जितने भी अर्थशास्त्री है वह ज्ञान बता दें कि जनता के पास थोड़ी-थोड़ी बचत बनी रहे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…