मप्र में 30-31 से तेज होंगी प्री-मानसून गतिविधियां
Updated on
30-05-2020 03:06 AM
अरब सागर में बनने लगा कम दबाव का क्षेत्र
भोपाल । मध्यप्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियां 30- 31 मई से तेज हो जाएंगी। मप्र में उत्तर भारत की तरफ आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून पूर्व की गतिविधियां तेज हो जाएंगी। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मानसून तय समय पर आने की संभावना है। शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में नालों की सफाई सहित जलभराव वाले रहवासी क्षेत्रों का सर्वे करने को कहा गया है। सभी बांधों की जांच कराई जा रही है और उनके कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। बांधों में क्षमता से ज्यादा पानी भरने की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों की तैयारी भी शुरू हो गई है। मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला बताते हैं कि प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियां 30 या 31 मई से तेज हो जाएंगी। उत्तर भारत से आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण वातावरण में नमी बढ़ना शुरू हो जाएगी। इससे हवा की दिशा बदल रही है। वहीं अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से प्रदेश में तेज हवा और रुक-रुककर हल्की बारिश का दौर दो दिन बाद शुरू होने के आसार हैं। शुक्ला बताते हैं कि इस बार मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। ज्ञात हो कि पिछले साल पूरे प्रदेश में रिकॉर्ड बारिश हुई थी। इस साल भी 49 जिलों में प्री-मानसून के दौरान अच्छी बारिश हो चुकी है। इसे देखते हुए सरकार ने कलेक्टरों को सतर्क कर दिया है। जलभराव वाले क्षेत्रों में सर्वे सरकार ने बारिश में संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों में सर्वे शुरू करवा दिया है। राहत आयुक्त ने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में बारिश के मौसम में राहत और बचाव कार्य की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों से कहा है कि बाढ़ संभावित क्षेत्र, तटबंध तोड़ने वाली नदी, नाले और तालाबों का सर्वे करें। जिन बस्तियों में पानी भरता है, वहां का सर्वे करें और राहत शिविरों की रणनीति तैयार करें, ताकि जरूरत पड़ने पर पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। ऐसे ही अनाज का भंडारण कर रखें, ताकि राहत शिविरों में रुकने वालों को भोजन उपलब्ध करवाया जा सके। नगरीय निकाय भी बारिश पूर्व तैयारी में जुट गए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों को अपने क्षेत्र के नालों की सफाई करने और राहत कार्यों की तैयारी करने को कहा है। इसे देखते हुए उन नालों में जेसीबी उतर गई हैं, जिनमें बाढ़ की स्थिति बनती है। विभाग ने ऐसी बस्तियों का भी सर्वे करने और उनमें राहत के इंतजाम करने को कहा है, जिनमें जलभराव होता है।जल संसाधन विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं से प्रदेश के सभी बांधों का सर्वे करने को कहा है। साथ ही बांधों पर 24 घंटे कर्मचारी रखने, रिसाव रोकने के लिए रेत की बोरियां भरकर रखने, मरम्मत के लिए कर्मियों को तैयार रखने और संभावित डूब क्षेत्र का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इस क्षेत्र में अतिक्रमण हो तो उसे हटाने और जलभराव की जानकारी रोज देने व इसके लिए रजिस्टर बनाने के लिए कहा गया हैं। एक तिहाई से ज्यादा जलभराव पर रोज बांध के एक से दूसरे छोर तक उपयंत्री भ्रमण करेंगे। अधिक भराव पर किसी भी अफसर की छुट्टी मंजूर नहीं करने, बारिश से पहले बांधों के शटर चेक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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