नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। मीटिंग में इसपर चर्चा होगी कि लॉकडाउन को कैसे खत्म किया जाएगा। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, कोरोना को काबू में करने, धीरे-धीरे सहूलियत देने संबंधी कई मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए यह मीटिंग कई घंटों तक चल सकती है। इसी मीटिंग के बाद यह लगभग तय हो जाएगा कि लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं? अगर बढ़ेगा तो किस रूप में बढ़ेगा और नहीं बढ़ेगा तो वैकल्पिक रणनीति क्या होगी। इस मीटिंग में महाराष्ट्र और गुजरात में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कौन से जरूरी कदम उठाए जाएं। इन दिनों प्रवासी मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं। ऐसे में बिना कामगारों के इकोनॉमी कैसे रफ्तार पकड़ेगी, यह भी मीटिंग का एक अहम मुद्दा होगा।
सभी मुख्यमंत्रियों को मिलेगा बोलने का मौका
पिछली मीटिंग में कुछ मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका नहीं मिला था। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस बात पर विरोध भी जताया था। इसी को ध्यान में रखते हुए इस मीटिंग में हर मुख्यमंत्री को बोलने का मौका दिया जाएगा। प्रधानमंत्री राज्यों के मुखिया से इस बात पर फीडबैक लेंगे कि 4 मई के बाद लॉकडाउन में दी गई आंशिक छूट का क्या असर हुआ है। साथ ही वह मुख्यमंत्रियों से यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि लॉकडाउन को कुछ शर्तों के साथ बढ़ाने के बारे में उनके क्या विचार हैं।
लागू रहेगी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की व्यवस्था
सरकार का मानना है कि दूसरे राज्यों से अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों की मॉनिटरिंग जरूरी है, जिससे संक्रमण फैलने से रोका जा सके। उम्मीद जताई जा रही है कि 17 मई के बाद भी रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का कॉन्सेप्ट कुछ और दिन लागू रहेगा। हो सकता है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्य की सीमा के भीतर थोड़ी और छूट दी जाए और सरकारें नियमों में थोड़ी ढील भी दे दें।
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