नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि बिलों का विरोध करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं, जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले कानून’ से किसानों को एपीएमसी किसान मार्केट खत्म होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा? इस बिल में एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दी जा रही है। राज्यसभा में रविवार को दो बिलों को पेश किया गया है। लोकसभा से ये बिल पहले ही पास हो चुके हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और अकाली दल समेत कई पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। इन बिलों को लेकर बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए में फूट पड़ चुकी है। बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल और मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री रहीं हरसिमरत कौर इन बिलों के विरोध में इस्तीफा दे चुकी हैं। वहीं टीआरएस के प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसी राव ने अपनी पार्टी के सांसदों से इन विधेयकों का विरोध करने और खिलाफ में वोट करने को कहा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 आज राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी कृषि बिलों का विरोध किया है और इनके खिलाफ राज्यसभा में गैर बीजेपी दलों से वोट करने का आह्वान किया है। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'आज पूरे देश के किसानों की नजर राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है।' यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीम मायावती ने भी कृषि बिलों के खिलाफ विरोध जताया था। मायावती ने कहा था कि लोकसभा में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किए बिना ही पास कर दिए गए हैं। उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केंद्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।