जिद्दी होना मानव का जन्मजात स्वभाव है। परंतु परिस्थितिया कई बार इंसान को अपनी जिद्द के आगे कंप्रोमाइज करवाती है, यदि जिद्दी व्यक्ति के आगे बढ़ने की है तो उसने कभी कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए। जिस वक्त आगे बढ़ने की राह में कंप्रोमाइज करेगा व्यक्ति वहीं से बेकस्टेप हो जाता है। जिद्दी कई प्रकार की होती है एक जिद्दी वह होती है जिसे लोग पागलपन कहते हैं पर जिस इंसान को होती है वह उसकी अंतरात्मा से होती है जिसमें उसके सपने ख्वाहिश सबसे छिपे रहते हैं। इंसान यदि अपनी जिद्दी का सही उपयोग करें तो वह स्वास्थ्य के लिए जरूर करें। जीद पकड़ ले कि मुझे रोज खूब घूमना, योग साधना करना, एक्सरसाइज करना या व्यायाम करना है खूब मेहनती काम करना है तो वह निश्चित रूप से कई बीमारियों से निजात पा जाएगा और स्वस्थ रहेगा, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बडी रहेगी। और यही जिद्दी अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए करेगा तो निश्चित रूप से सफल होगा। मुश्किले आपके आसपास घूमती रहेगी पर आपका जिद्दीपन और जुनून मुश्किलों को बहुत दूर रखेगा आपका हौसला कभी नहीं टूटेगा। फौज की ट्रेनिंग भी जिद्दीपन से भरी हुई रहती है कमांडर ने यदि ग्राउंड के 10 राउंड लगाने को कहा है तो आपको लगाना ही है। स्कूल या कॉलेज में आपको होमवर्क दिया तो वह करना ही है और आपने यदि जिद पकड़ ली तो आप उसी दिन उसको कर लेंगे। बस अपने जिद्दीपन को सही दिशा में बनाए रखो। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
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