युवा वर्ग अमूमन दो तरह की पार्टी मनाकर खुश रहते हैं एक युवा वर्ग की पार्टी देर शाम को शुरू होती है और अलसुबह तक चलती हैं। युवा युवती अपने ड्रिंक, स्नैक्स, पसंद का खाना, मस्त म्यूजिक डांस और कभी-कभी पत्ते खेलना यह सब करते है पार्टी की शुरुआत चीयर्स और आपसी बातचीत से शुरू होती है, कभी-कभी किसी पॉइंट पर कुछ आपस में डिस्कशन भी चलता है। कई बार देर रात तक चलने वाली पार्टी वाले युवा युवती दूसरे दिन बड़े अलसाये से रहते हैं और पूरा दिन उनका सुस्ती से भरा निकलता है। हालांकि इस प्रकार घर में पार्टी मनाने वाले अधिकतर अच्छे पक्के और सच्चे दोस्त होते हैं और एक दूसरे पर विश्वास रखते है। आउटडोर पार्टी शराब के दौर के बाद कभी कबार विवाद और झगड़े में तब्दील हो जाती है।
दूसरा युवा वर्ग ऐसा भी है जहां पार्टी शाम से शुरू होती है मस्त खाना-पीना, संस्कृति कार्यक्रम, गीत संगीत, सात्विक खाना, आपसी प्रेम पूर्वक मिलाप, आदर पूर्वक बातें, कुछ व्यक्तिगत चर्चा में व्यापार की बातें। यदि आउटडोर पार्टी है तो देर रात हो जाती है और इनडोर पार्टी है तो 11 - 12 बजे बाद सब अपने अपने घर ताकि दूसरे दिन सुबह तरोताजा उठे और उत्साह पूर्वक दिन बताएं।
युवक-युवती यदि घर बता कर पार्टी मनाये तो जायज पार्टी है पर घर झूठ बोलकर पार्टी मनाये तो यह बड़ा रिस्की है, ऐसे में कई युवतियां यौन शोषण का शिकार हो सकती है।
अशोक मेहता, लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद् ये लेखक के अपने विचार है I
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