ऑक्सीजन व रेमडेसिवर : टास्क फोर्स से मैदानी सक्रियता की दरकार
Updated on
28-04-2021 12:03 PM
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली एक दशक से जमी हुई तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ कर उसके स्थान पर भगवा चमक-दमक वाली भाजपा सरकार बनाने के मोर्चे पर 57 विधानसभा क्षेत्रों में कमल खिलाने के अभियान से फुर्सत पाते ही प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा एकदम एक्शन मोड में आ गए हैं। दतिया, ग्वालियर और भोपाल के बाद आज प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में नजर आए। वहां मोर्चा संभालते हुए उन्होंने कहा है कि कोरोना की दवाओं की कालाबाजारी करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने के बाद इसमें कुछ कमी भी आई है। इससे दो दिन पूर्व भोपाल में पुलिस मुख्यालय में आला पुलिस अधिकारियों की बैठक में डॉ मिश्रा ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रबंधों को पुख्ता करने के लिए इंतजामों की समीक्षा की। उन्होंने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए। इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए हैं तथा भोपाल और इंदौर में रासुका के तहत कार्रवाई की जा रही है। पूरे प्रदेश में इस प्रकार की कार्यवाही करने का निर्देश भी डॉ मिश्रा ने दिया है। गृह मंत्री ने तो टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दे दिए हैं और अब दरकार है टास्क फोर्स की मैदानी सक्रियता और कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ करती हुई मैदान में नजर आने की।
डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल के पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सहित अन्य आला अधिकारी की मौजूदगी में बैठक में कोरोना आपदा में ड्यूटी कर रहे जवानों की चिंता करते हुए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में सशस्त्र बल (एसएएफ), होमगार्ड और पुलिस के प्रदेश भर में 1850 लोग कोरोना संक्रमित है। कोरोना से 72 एसएएफ, होम- गार्ड, पुलिसकर्मी ड्यूटी करते हुए काल-कवलित हुए हैं। डॉ मिश्रा ने तो कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कह दिया है लेकिन फिर भी अभी भी प्रदेश में कई स्थानों पर ऑक्सीजन, इंजेक्शन और अन्य जरूरी दवाइयां की किल्लत हो रही है। मरीजों के परिजन हैरान परेशान होकर दर-दर भटकते नजर आ रहे हैं तथा कालाबाजारी होने की भी शिकायतें मिल रही हैं। इसलिए महानगर की शक्ल लेते जा रहे बड़े शहरों के साथ-साथ जिला मुख्यालय और अन्य शहरों तथा कस्बों की ओर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। वहां पर भी ऐसी सुनिश्चित व्यवस्था होनी चाहिए कि लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और जो लोग आपदा में अवसर की तलाश कर रहे हैं, ऐसे लोगों पर कानून का शिकंजा कसा जाए। इन स्थानों पर भी शासन और प्रशासन का सचेत और जागरूक होना नितांत जरूरी है ताकि इन जगहों पर हो रही परेशानियों से लोगों को राहत मिल सके। कई स्थानों पर मरीजों के परिजनों और चिकित्सकों के बीच विवाद तथा मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. मिश्रा ने प्रदेश के कई अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ अभद्रता के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन अस्पतालों में फोर्स को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भी अनुरोध किया है कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ किसी भी तरीके की अभद्रता न करें, प्रशासन को सहयोग करें।
इंदौर में पुलिस जवानों की चिंता करते नरोत्तम
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज पुलिस कंट्रोल रूम इंदौर में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराया जाना सुनिश्चित करें। इससे जवानों और उनके परिजनों को संक्रमण के खतरे से बचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने संक्रमित होने वाले पुलिस के जवानों को अस्पतालों से समन्वय कर भर्ती कराने के भी निर्देश दिए। पुलिस फोर्स का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमें हर हाल में कोरोना से जंग को जीतना है। सभी को अपना मनोबल ऊंचा रखना है और फील्ड में कार्य कर रहे जवानों की निरंतर हौसला अफजाई करते रहना है। डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि यदि किसी को भी किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो उन्हें तत्काल अवगत कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि उनका निराकरण किया जा सके। डॉ.मिश्रा ने कहा है कि कोरोना की इस जंग में शहीद होने वाले योद्धा के परिजनों को 50 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी तथा परिजन को अनुकंपा नियुक्ति भी की जाएगी। डॉ. मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस वेलफेयर फंड से परिजन को एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
मीडिया से रूबरू होते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश की जेलों के अंदर से दंडित बंदियों को 60 दिवस की पैरोल देने का तय हुआ है। जल्द लगभग 4500 दंडित बंदियों को पैरोल पर रिहा करेंगे। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है लेकिन साथ ही समाज के लोगों से अपील कर जन- जागरण अभियान की शुरुआत हम करने जा रहे हैं। कांग्रेस के विधायक सामने आकर कोविड 19 के समय सहायता संबधी ऑफर दे रहे हैं। सरकार ऑफर को तो स्वीकार करती है, लेकिन यह तो सिर्फ कागजी दिखावा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ बहुत बड़े उद्योगपति है, लेकिन कोरोना महामारी के समय किसी भी तरीके की सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं और केवल ट्वीट कर राजनीति कर रहे हैं। ऐसी बात करके कांग्रेस कोरोना पेशेंट का मजाक उड़ा रही है। इस आपदा में कांग्रेस का ट्वीट करने के अलावा कोई योगदान नहीं है। उनका आरोप था कि कांग्रेस ने वैक्सीन पर राजनीति की है।
और अंत में...........
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कुछ अधिक ही मेहरबान नजर आते हैं और कोई भी ऐसा मौका हाथ से नहीं जाने देते जिसमें कि उन्हें सिंधिया को आईना दिखाने का मौका मिलता हो। ज्योतिरादित्य पर तंज करते हुए सलूजा ने ट्वीट किया है कि जो कहते हैं कि ग्वालियर से हमारा 300 साल का नाता है और खुद को जन सेवक बताते हैं, वह आज संकट की इस घड़ी में दिल्ली में बैठकर ट्वीट पर ट्वीट करने में लगे हुए हैं और दूसरी ओर कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक कमलनाथ के निर्देश पर ऑक्सीजन के टैंकर के आगे खुद दौड़ कर मदद करने में लगे हैं। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस नेताओं को कटघरे में खड़ा करने का कोई अवसर नहीं चूकते हैं और उनके इन प्रयासों पर पलटवार करते हुए सलूजा ने ट्वीट किया कि परदेसी बाबू जी जब प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से जनता दम तोड़ रही थी तब आप बंगाल में चुनाव प्रचार में लगे थे और आज यहां आकर खुद को जन हितेषी बता रहे हैं जनता सब सच्चाई खुली आंखों से देख रही है।
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