हाथरस । हाथरस के चंदपा क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के गांव को शनिवार को मीडिया के लिए खोल दिया गया है। बीते कुछ दिनों से पूरे गांव में बैरिकेडिंग की गई थी और मीडिया समेत किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। राजनेताओं और अन्य लोगों को अब भी गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, लेकिन मीडिया को भीतर जाने की अनुमति दे दी गई है। इस बीच पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी हाथरस पहुंच चुके हैं।
राहुल गांधी गुरुवार के बाद शनिवार को फिर हाथरस के लिए रवाना हुए हैं। वह करीब 35 बड़े नेताओं के साथ हाथरस जा रहे हैं। पीड़िता के परिवार से मिलने लखनऊ से आज अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी हाथरस पहुंच चुके हैं। दोनों यहां हेलिकॉप्टर से पहुंचे हैं। हाथरस के बाद ये लोग पीड़िता के गांव पहुंचे और पीड़िता के परिवार से बात की। इस बीच पीड़ित परिवार के घर से मीडिया को दूर कर दिया गया है।
विनय कटियार ने कहा है कि हाथरस में कोई दुष्कर्म नहीं हुआ है। इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़े कदम उठाए हैं। योगीराज में कोई गड़बड़ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। इसे रेप की बात कहना बेकार की बात है। जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि पीड़िता ने बयान दिया है तो उन्होंने कहा इसके कोई सबूत सामने नहीं आए हैं, इस मामले को राजनीतिक वजहों से तूल दिया जा रहा है।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने यह योजना बनाई है कि अगर आज भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस के लिए कूच करते हैं तो उन्हें डीएनडी पर ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। राहुल-प्रियंका को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। यूपी के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी के गांव पहुंचने से पहले पुलिस के कुछ आला अधिकारी यहां पहुंचे हैं और उन्होंने मीडिया से अपील की है कि जब दोनों अधिकारी यहां आएं तो परिवार के साथ उनको एकांत में समय दें। जब पत्रकारों ने एएसपी प्रकाश कुमार से पूछा कि क्या कैमरा रख सकते हैं तो उन्होंने कहा कि कैमरे के सामने परिवार से कैसे बात हो सकती है। हम बात कर लें फिर आप आ सकते हैं। वहीं परिवार ने इस पर कहा है कि हम अकेले में किसी से नहीं मिलेंगे, हमें अकेले में बात करने में डर लगता है। हमें नहीं पता वो हमसे अकेले में क्या करवाएंगे।
मीडिया के लिए पीड़िता का गांव खोल दिया गया है जिसके बाद दर्जनों पत्रकार गांव में पहुंचे। सुबह से ही अलग-अलग पत्रकार घरवालों से सवाल-जवाब कर रहे हैं। मीडिया के सवाल-जवाब से परेशान होकर घरवालों ने मीडिया से दूरी बना ली है। मीडिया से बचने के लिए परिवार के सभी लोगों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया है। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप लोगों को क्या लगता है कि मीडिया को क्यों अंदर आने दिया गया है। इस पर गांव के कई लोगों और पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि इसमें प्रशासन की बहुत बड़ी चाल है। बीते दो दिन से कड़ी सुरक्षा थी और कल रात से धीरे-धीरे सुरक्षा व्यवस्था कम की गई। उन्हें डर है कि कहीं इससे उनकी बेटी इंसाफ से दूर न हो जाए।
आरोपी लवकुश की मां अब न्याय मांग रही हैं। वह कह रही हैं कि अगर मेरे बेटे गुनहगार हैं तो उन्हें गोली मार दी जाए, लेकिन अगर वे दोषी नहीं हैं तो उन्हें इस साजिश से बचाया जाए। आरोपी की मां का कहना है कि उनके बेटों को फंसाया जा रहा है। पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की बात भी सामने नहीं आई है। उसके भाई पर ही हत्या का आरोप लग रहा है। आरोपी की मां खुलकर बिटिया के घर के सामने ही हंगामा कर रही हैं और पीड़िता के घरवालों पर गंभीर आरोप लगा रही हैं।