नई दिल्ली । पाकिस्तान की जेल में 20 साल तक बंद रहने के बाद ओडिशा के आदिवासी इलाके का एक शख्स वापस घर लौटने वाला है। पुलिस ने बताया कि इसी महीने यह शख्स इतने लंबे समय के बाद अपने घर लौट जाएगा। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के जंगटोली गांव का निवासी बिरजू 20 वर्ष पहले अपने घर से अचानक लापता हो गया था। बिरजू को मानसिक रूप से अस्थिर बताया जाता है। उसके लापता होने पर उसके परिजनों ने किसी तरह की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी। वह मानसिक रूप से मंद था। पुलिस ने कहा कि वह घूमते-घूमते भूलवश पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। यहां उसे गिरफ्तार कर 20 साल तक जेल में रखा गया था। उस पर संदेह था कि वह एक भारतीय जासूस था। हालांकि परिवार को इसकी कुछ जानकारी नहीं थी। पुलिस ने बताया कि इस बात की किसी को जानकारी नहीं है कि बिरजू ने सीमा कैसे पार की। उसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने पकड़ लिया और उसके साथ युद्धबंदी जैसा बर्ताव किया गया। इतने सालों तक बिरजू के परिवारवालों को उसकी कोई खबर नहीं थी। पाकिस्तान ने 26 अक्तूबर को बिरजू को भारतीय अधिकारियों के हवाले कर दिया, जिसकी जानकारी उसके परिजनों को दी गई। सुंदरगढ़ के पुलिस अधीक्षक सागरिका नाथ ने कहा, 20 साल पहले बिरजू घर से लापता हुआ था। पाकिस्तान के कैदी-प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया के दौरान उसकी पहचान की पुष्टि हुई। उसे जल्द ही वाघा बॉर्डर से लेकर आया जाएगा। बिरजू के माता-पिता जिंदा नहीं हैं लेकिन उसके कुछ परिजन और रिश्तेदार हैं। ये सभी लोग बिरजू के वापस घर आने को लेकर बहुत खुश हैं। बिरजू की बहन ने कहा अपने भाई की वापसी की खबर सुनकर मैं बहुत खुश हूं। भाई को देखे हुए दो दशक से अधिक समय बीत गया है। पुलिस यहां पर आई थी और उन्होंने बिरजू की फोटो दिखाई। हमारे माता-पिता अब जिंदा नहीं हैं। अगर वे होते तो बिरजू के आने से बहुत खुश होते।