जब से ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स प्राइम वीडियो हॉटस्टार और भी अन्य यहां कई सीरियल और फिल्मों में अश्लीलता हद से भी ज्यादा दिखाई जा रही है, डायलॉग में गालियां तो ऐसे दे रहे हैं कि जैसे आदमी दिनचर्या गालियों से ही शुरुआत करता है। सेक्स तो ऐसे दिखाते हैं कि जैसे सरेआम सब कुछ होता हो। यह बात भी सही है कि कई जगह कई लोग गालियों का इस्तेमाल करते हैं परंतु वे चंद ही ऐसे लोग हैं और आम तौर पर सार्वजनिक स्तर पर गालियां नहीं दी जा सकती। हमारे यहा कानून में गाली देने, जातिगत बातें करने पर दंड संहिता में प्रावधान है। बगीचे में दो प्रेमी यदि बैठे मिलते हैं तो पुलिस उन को पकड़कर चाटा मारती है पर यहां इन सीरियलों और पिक्चरों में तो सरेआम खुलकर बहुत ही गंदे तरीके से सेक्स दिखा रहे है। परिवार के साथ इन सीरियलों या पिक्चर को देखना इतना गुस्सा आता है कि बस तुरंत टीवी बंद करना पड़ता है। आप बहुत अच्छे मूड से टीवी के सामने बैठते हैं परंतु इनके गंदे सीन और गंदे डायलॉग देखकर आपका पूरा मूड खराब हो जाता है। आजकल एक बात और हो गई अक्सर फिल्मों में बाथरूम के सीन दिखाने लगे और टॉयलेट में मारकूट बताने लगे किस दिशा में डायरेक्टर जा रहे हैं। पहले की फिल्मों मे सुहागरात का सीन दिखाने के लिए दो फुल टकराकर बताते थे। यह दिखाना हमारी संस्कृति को बिगाडना है हमें इन सब बातों का विरोध करना चाहिए। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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