अब बैठकों का समय नहीं, सीधी निगरानी हो cctv केमेरे से
Updated on
16-04-2021 12:49 AM
भोपाल I यह समय बहुत अच्छा नहीं है लोगों को इस भयानक बीमारी/वायरस का सामना करना पड़ रहा है I ऐसे में कई सवाल उठ रहे है शासन-प्रशासन,सरकार पर I चाहे वो किसी भी राज्य की हो,किसी भी दल की हो और उठना भी लाज़मी है I क्योंकि जिस तरह से आम जनता चिकित्सा व्यवस्था से दुखी है, रोज देश के किसी न किसी हॉस्पिटल में हंगामा हो रहा है ! कब्रिस्तानों की खबरे आ रही है ऐसे में शासन- प्रशासन पर तो सवाल उठेंगे ही !
आज देश के केंद्र में भाजपा सरकार है तो जनता सीधा टारगेट केंद्र सरकार को ही करेगी, चाहे सरकार कितना भी अच्छा से अच्छा प्रयत्न करे,लोगो के लिए ! पर जिसके परिवार में गमी हो रही है वो सीधे सरकारों को ही दोष देगा I
वायरस से उन्हें कोई लेना देना नहीं है क्योंकि नियमित काम नहीं होंगे तो लोग खाएंगे-कमाएंगे कहाँ से सवाल ये है ! सरकारों को भी पता है और देश के हर नागरिक को भी समझ आ रहा है कि डर के कैसे जिए ! पर क्या करे, आम व्यक्ति तो मजबूर है खासकर ईमानदार या सरकार के नियमो को पालने या मानने वाला I
आज आम व्यक्ति भी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारों को समझाने कि कोशिश कर रहा है कि राजनैतिक रैलियों में कोरोना नहीं है लेकिन यदि हेलमेट के अंदर मास्क न पहनो तो पुलिस प्रशासन तुरंत रोक कर चालान बना रहा है तो कही न कही सिस्टम फ़ैल नज़र आ रहा है I मास्क पहनना तो वाकई बहुत जरुरी है लेकिन नियम सभी के लिए एक जैसे होने चाहिए I
यदि हम बात करे हॉस्पिटल कि, शहरो या गावों केटोप्सेस्ट अस्पतालों कि तो उन्हें कोविड सेण्टर घोषित कर दिया गया है लेकिन उन हॉस्पिटलों कि निगरानी के बारे में कोई भी प्रशासन के पास गॉइड लाइन नहीं है I
यदि भारत में हर निजी या सरकारी हॉस्पिटल्स (हालांकि केमेरे लगभग सभी जगह है ) में केमेरे के द्वारा मॉनिटरिंग कि जावे एवं जिस परिवार का मरीज उस हॉस्पिटल में कैसे है ! कैसे रह रहा है ! ये उसे दीखता रहे, साथ में किस तरह उसका इलाज़ हो रहा है I यदि वो यह सब केमेरे की मदद से शुरू से अंत तक देख लेगा, तो वो अस्पताल, प्रशासन और सरकार के ऊपर दोषारोपण नहीं करेगा I
सरकारें पूरा यदि अस्पतालों पर ही निर्भर हो जाएंगी, तो भी एक गंभीर समस्या है क्योंकि उनके ऊपर अंकुश नहीं रहेगा, तो वहां के अधिकारी, कर्मचारी, मालिक सब अपनी मनमानी कर सकते है I इसलिए कोई न कोई मॉनिटरिंग टीम का होना भी जरुरी है I
हालांकि हम ये नहीं कह रहे, कि हॉस्पिटल्स के कोरोना वॉरियर्स गलत होंगे, मगर हमारे देश में शिक्षित वर्ग कि कमी है यदि उन्हें सब आँखों के सामने दिखता रहेगा, तो उनके साथ हॉस्पिटल, प्रशासन और सरकार भी संतुष्ट रहेगी I
चुकी अब जमाना डिजिटलाईज़ेशन का है तो लगभग सभी परिवारों में एक न एक स्मार्टफोन होता ही है जिसमे वे देखते रहेंगे और यदि उनके पास स्मार्टफोन नहीं भी है तो वो सामने लगी टीवी पर भी देख सकते है I इससे लाभ ये होगा कि परिवारजनों को किसी भी तरह का कोई प्रॉब्लम नज़र आएगा, तो वो अस्पताल प्रशासन और सरकार को तुरंत उसकी शिकायत कर सकते है I साथ ही रोज कि इंजेक्शन/दवाइयों कि उपलब्धता (स्टॉक) भी डिस्प्ले वाल पर डिस्प्ले होना चाहिए, जिससे आम व्यक्ति को भी इसकी जानकारी हो I
अभी हॉस्पिटल्स, प्रशासन और सरकार कि साख दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है, जो आने वाले समय के लिए ठीक नहीं है और जो लोग पीड़ित है उसकी सुनवाई कही नहीं हो रही है I ये वक्त राजनीती से हटकर जनसेवा का है ऐसे में केंद्र सरकार को सख्त कार्यवाही करते हुए सीसीटीवी केमेरे के सम्बन्ध में राज्य कि सरकारों से बात करते हुए आम व्यक्ति तक हर संभव साहयता करना चाहिए I हालंकि सरकार इंजेक्शन, दवाई, इलाज़, वेक्सीन किसी भी व्यवस्था में कमी नहीं रख रही I हर संभव मदद अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने में प्रयास कर रही है लेकिन कहीं न कहीं एक निगरानी कि जरुरत भी उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे ऐसा प्रयास करने कि जरुरत अब आ गई है I अब सरकार को बैठके न करते हुए सीधी निगरानी हॉस्पिटलों पर करना चाहिए I
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