कोरोना महामारी से बचाव के लिए एहतियाती कदम को लेकर जैसे-जैसे लोगों में लापरवाही बढ़ रही है वैसे-वैसे एक बार फिर इसका संक्रमण पैर पसारने लगा है। मध्य प्रदेश में मरीजों का आंकड़ा बढ़ने लगा है इसलिए फिर से कुछ पाबंदियां लगने लगीं हैं। धरना-प्रदर्शन, रैलियों, मेलों पर रोक लगने लगी है। मेले-हॉट बाजार में से जिनकी अनुमति पूर्व में मिल चुकी है, उन्हें छोड़कर अब नई अनुमति नहीं दी जाएगी। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग और मस्क ना लगाने पर भोपाल सहित कई शहरों में सौ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। जहां जरूरी होगा उन शहरों में राज्य सरकार की अनुमति के बाद कलेक्टर रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा सकेंगे। एक तरफ आम लोगों को मास्क ना लगाने पर जुर्माना देना होगा तो वहीं दूसरी ओर राज्य विधान सभा के बजट सत्र में कुछ माननीय बिना मास्क के नजर आए और इसके लिए अजीब- अजीब से तर्क दे रहे हैं। लगता है सारी दुनिया जिस कोरोना से भयभीत और हैरान परेशान है, माननीय याने मंत्री और विधायकों को उससे खौफ नहीं है मानों उल्टे उनसे घबराता हो कोरोना संक्रमण!
मंगलवार को विधानसभा परिसर में बिना मास्क लगाए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर पहुंची और मीडिया के सवालों का सामना होते ही उनके तर्क कुछ इस प्रकार थे, कि "मैं योग करती हूं, हनुमान चालीसा का रोज पाठ करती हूं, इसलिए कोरोना नहीं होगा। उनका एक तर्क यह भी था कि प्राणायाम और योग के साथ ही साथ प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करती हैं तथा शंख बजाती और काढ़ा पीती हैं। इन सबके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गमछा गले में रखती हूं और जब कोई पास आए तो मुंह पर रख लेती हूं। उनका दावा था कि वैदिक जीवन पद्धति अपनाने से कोई भी तकलीफ छू तक नहीं पाती है। हो सकता है कि उनकी अपनी धारणा के अनुसार यह बात सही हो पर जिस संदर्भ में और जिस ढंग से तर्क दिए गए हैं वह सही नहीं माने जा सकते। लोग जिनसे प्रेरणा लेते हैं कम से कम उनका आचार- व्यवहार तो ऐसा होना चाहिए जिससे कि आमजन भी पाबंदियों का पालन करने लग जाएं। दमोह जिले के पथरिया से बसपा विधायक रामबाई फरमाती हैं कि मास्क लगाने से उन्हें घुटन होती है.... मर जाऊं क्या। इससे उल्टी होती है इसलिए नहीं लगाती हैं। मास्क ना लगाने पर जो जुर्माना होगा वह मैं दे दूंगी। जो सदन में बैठकर कानून बनाते हैं और उसका पालन लोग करें इसकी अपेक्षा रखते हैं यदि वही जुर्माना देने की बात करेंगे तो फिर पाबंदियां कितनी कारगर होंगी यह सोचने की बात होगी। आम जनता पर सख्ती बढ़ती जा रही है और जिन्हें उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए उनका अंदाज ए बयां कुछ यूं है और उन पर पर रामचरितमानस की यह चौपाई सटीक बैठती है कि "समरथ को नहिं दोष गुसाईं"। वैसे और भी कुछ मंत्री व विधायक बिना मास्क के विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने आए और उनके भी अपने तर्क थे।
विधायक और इंदौर की पूर्व महापौर मालिनी गौड़ जहां बिना मास्क के नजर आई तो वहीं अम्बाह के विधायक सत्य प्रकाश सिकरवार को मीडिया का कैमरा नजर आते ही मास्क की याद आ ही गई। साफगोई के लिए मशहूर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सबको मास्क लगाना चाहिए। शमशाबाद की विधायक राजश्री सिंह का तर्क था कि उन्हें कुछ दिन पूर्व कोरोना हुआ था इसलिए अगले तीन माह तक संक्रमण नहीं होगा। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मास्क लगाए हुए थे और उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए केवल मास्क ही एक उपाय है और सबको लगाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने मंत्री उषा ठाकुर और विधायक रामबाई के मास्क लगाने पर कहा कि वे खुद को और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। कमलनाथ ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि विधानसभा सदस्यों अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की अलग से नीति बनाएं क्योंकि विधायकों का सबसे ज्यादा संपर्क जनता से रहता है। मंगलवार के दिन ही शिवाजी नगर के नूतन महाविद्यालय में भवन निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा प्राचार्य डॉक्टर प्रतिमा सिंह बिना मास्क के शामिल हुए।
नई दृष्टि से महिला कांग्रेस होगी मजबूत
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का मानना है कि आज किसी भी चुनाव में जीतने और हारने के पीछे महिलाएँ ही निर्णायक हैं क्योंकि आज महिलाएं बहुत सक्रिय हैं। दस साल पहले की राजनीति और आज की राजनीति बहुत बदल गयी है। आज समय ने राजनीति को भी परिवर्तित कर दिया है। पहले महिलाएँ सोशल मीडिया पर उतना ज़्यादा सक्रिय नहीं रहती थीं जितनी की आज वो सक्रिय हैं। कमलनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि हमें एक नई दृष्टि, नये नज़रिये से महिला कांग्रेस को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता है। 8 मार्च महिला दिवस पर कांग्रेस बड़ा महिला अधिवेशन करेगी। प्रदेश महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए आज बुधवार को कमलनाथ ने कहा कि बूथ स्तर पर महिलाओं को सक्रिय कर कांग्रेस मजबूत संगठन बनाएगी। हर विधानसभा के बूथों पर महिला कांग्रेस का मजबूत संगठन होना चहिए।हमारी लड़ाई आज भाजपा के धनबल, प्रशासनिक दबाव व संगठन से है। प्रशासन विधायकों से नहीं, महिलाओं से डरता है। हमें सच्चाई के लिये, न्याय के लिये आक्रामक होने की आवश्यकता है।
और अंत में.............
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी पर तंज करते हुए कहा है कि अब मध्यप्रदेश में आदमियों की बीमारी का पशु चिकित्सक हिसाब रखेंगे। वाह शिवराज जी वाह कैसे-कैसे मंत्री बनाए हैं आपने स्वास्थ्य विभाग में। गुप्ता ने कहा है कि पूरे भारत में वायरल बीमारियों की ट्रैकिंग करने के लिए जो इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफार्म बनाया जा रहा है उसकी सूचनाएं सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय जाती हैं।हालांकि मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर हैं इसके बावजूद इस प्लेटफार्म के नोडल ऑफिसर एक पशु चिकित्सक डॉ शैलेश साकल्ले को बनाया है। गुप्ता का आरोप है कि यह राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का मजाक बनाने के लिए काफी है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि वह पता लगाएं कि क्या मध्यप्रदेश में इन बीमारियों को ट्रैक करने के लिए मनुष्यों के डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं? क्या यही प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की वास्तविक सूरत है? सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या वेटरनरी डिपार्टमेंट विभाग भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के अंतर्गत आता है? अगर नहीं तो क्या उन्होंने वेटेनरी डॉक्टर को प्रतिनियुक्ति पर लाकर क्या उचित काम किया है? गुप्ता ने मांग की है कि सरकार तत्काल कार्यवाही कर नोडल ऑफिसर के रूप में आदमियों के डॉक्टर को पदस्थ करें।
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