गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक 2.7 किमी निर्माणाधीन जीजी फ्लाईओवर की नई डेडलाइन अब 15 नवंबर तय कर दी गई है। गणेश मंदिर के पास लगा मेट्रो का स्ट्रक्चर हट गया है। वल्लभ भवन छोर पर डामरीकरण अंतिम दौर में है।
गायत्री मंदिर छोर पर फ्लाईओवर की ढाल (आरई वॉल) इस महीने के आखिर तक तैयार हो जाएगी। बिजली फिटिंग, ट्रैफिक सिग्नल और रोड साइनेज जैसे काम जोड़ लें तो 15 नवंबर तक फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार हो सकता है। उद्घाटन की तारीख सीएम डॉ. मोहन यादव और पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह की सहमति से तय होगी।
फ्लाईओवर की सभी एप्रोच रोड पर बिटुमिनस कांक्रीट किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार बिटुमिनस कांक्रीट से बनी रोड कम से कम 5 साल चलती है, जबकि साधारण डामर से बनी रोड को अमूमन हर साल बारिश के बाद पैचवर्क की जरूरत पड़ती है। गणेश मंदिर एंड से फ्लाईओवर को सावरकर सेतु से जोड़ने वाली सड़क भी अगले सप्ताह तक तैयार हो जाएगी।
मैनिट तैयार कर रहा पूरे रूट का प्लान
फ्लाईओवर के लिए पीडब्ल्यूडी मैनिट के सहयोग से ट्रैफिक प्लान बना रहा है। मैनिट इन दिनों इसके लिए ग्राउंड पर सर्वे कर रहा है, ताकि फ्लाईओवर के ऊपर और नीचे से गुजरने वाले संभावित ट्रैफिक का ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सके। पीडब्ल्यूडी ने फ्लाईओवर की प्लानिंग के समय कहा था कि आरकेएमपी स्टेशन, एमपी नगर, वल्लभ भवन और सुभाष नगर की ओर आने-जाने वाले ट्रैफिक का करीब 60 फीसदी आरओबी के ऊपर से गुजर जाएगा। ब्रिज से उतरने और चढ़ने वाले और नीचे से गुजरने वाले ट्रैफिक को गणेश मंदिर, गायत्री मंदिर और वल्लभ भवन सिरों पर रेगुलेट करने का प्लान बन रहा है।
दो लाख आबादी को सीधा फायदा
एमपी नगर, अरेरा हिल्स और आरकेएमपी रोज आने-जाने वाली करीब दो लाख आबादी को फ्लाईओवर से सीधा फायदा होगा। बावड़िया कला और कोलार से एमपी नगर होते हुए मेन स्टेशन जाने वाले लोग बावड़िया आरओबी, सावरकर सेतु, जीजी फ्लाईओवर और सुभाष आरओबी का उपयोग करेंगे। बड़े इलाके को जाम से राहत मिलेगी।
15 हजार से अधिक पीसीयू...
इस रोड पर पीक ऑवर में 15 हजार से अधिक पीसीयू होता है। एमपी नगर का यह इलाका ट्रैफिक के लिहाज से सबसे व्यस्त है। रोज जाम के हालात बनते हैं।
सभी बाधाएं दूर, 15 नवंबर तक पूरा होगा जीजी फ्लाईओवर की सभी बाधाएं दूर हो गईं हैं। इस महीने के अंत तक गायत्री मंदिर की आरई वॉल भी तैयार हो जाएगी। हमने ब्रिज को तैयार करने के लिए 15 नवंबर की डेडलाइन तय की है। - आरके मेहरा, ईएनसी, पीडब्ल्यूडी