नेपाल को डर सता रहा था कि वह श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह से चीन के कर्ज के जाल में फंस सकता है। हालांकि अब चीन समर्थक केपी ओली के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद प्रचंड रुख में बदलाव आता दिख रहा है। नेपाल ने पहले दो एयरपोर्ट के नाम पर भारी भरकम कर्ज ले रखा है और अब और लेने की तैयारी है। इस बीच रुपक ने कहा कि प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि अभी हमारे और भारत के बीच सीमा को लेकर कुछ विवाद बना हुआ है। हालांकि दोनों ही देश इसे आपसी बातचीत के आधार पर सुलझाने को सहमत हुए हैं।