किसी भी काम में लापरवाही कभी भी फायदा नहीं देती उल्टा नुकसान या तकलीफ देती है चाहे अपने स्वास्थ्य की लापरवाही हो, चाहे व्यापार में या गृहस्ती में लापरवाही हो। कई बार तो व्यक्ति सब कुछ जानते हुए भी लापरवाही कर बैठता है और बाद में पछताता है। किसी भी काम को करने के लिए सबसे पहले उस काम के बारे में सभी जानकारी इकट्ठी करें। उस काम को करने के लिए क्या मेहनत मशक्कत करना पड़ेगी। क्या साधन और वस्तुस्थिति का सामना करना पड़ेगा और सबसे अहम बात यह है कि क्या हम उस काम को कर पाएंगे। यदि हम सोचते कि हम उसे कर पाएंगे तब हमे उस काम से लाभ और हानि और कानूनी पहलू पर विचार करें। उस काम को करने में क्या कठीनाई आएगी और उसका कैसे निराकरण करेंगे। काम के लिए क्या आर्थिक पहलू रहेगा। यह विचार करने के बाद यदि हमें फायदा नजर आता है तो उस काम को जरूर करना चाहिए। एक विस्तृत योजना बना कर आगे बढ़ना चाहिए। जब हम इतना सब कुछ सोच लेंगे तो उस पर लापरवाही की गुंजाइश कम रहेगी। एकदम भावुकता से काम नहीं करना है अकल और बुद्धि का पूरा उपयोग करना है। कुछ हौसला और जोखिम उठाने की क्षमता भी रहना चाहिए।
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