नई दिल्ली। पूरी दुनिया
में कोरोना के
मरीजों की संख्या 2,48,22,453 तक जा
पहुंची है और
8,37,134 मरीजों की मौत
भी हो गई
है। हर दिन
के साथ मरीजों
और इससे होने
वाली मौतों का
आंकड़ा लगातार बढ़ रहा
है। ऐसे मे
सभी को इसकी
वैक्सीन के
आने का इंतजार
है। इस काम
में भारत समेत
कई दूसरे देश
भी लगे हुए
हैं। हालांकि रूस
ने अपनी वैक्सीन स्पूतनिक को पूरी
तरह से कारगर
घोषित कर दिया
है और इसके
उत्पादन के
लिए कुछ देशों
से समझौता भी
कर लिया है।
हालांकि इसको लेकर
विभिन्न देश
सवाल उठा चुके
हैं। आरोप है
कि रूस ने
इसका थर्ड फेज
का ट्रायल पूरा
नहीं किया है।
एम्स के
कम्यूनिटी मेडिसिन
के प्रोफेसर संजय
कुमार राय का
कहना है कि
रूस ने ट्रायल
के दस्तावेज
किसी को नहीं
दिखाए हैं। ऐसे
में रिस्क
नहीं लिया जा
सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर 120 से ज्यादा प्रतिभागी काम कर रहे हैं। इनमें से 13 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के फेज में हैं। इसमें चीन की 5, ब्रिटेन में 2, अमेरिका में 3, भारत की दो, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में 1-1 कोरोना वैक्सीन शामिल हैं। भारत में कोविड-19 की दो वैक्सीन कोवाक्सिन और जायकोव-डी का ह्यूमन ट्रायल किया जा रहा है। कोवाक्सिन का ट्रायल दिल्ली के एम्स के अलावा पटना एम्स और रोहतक के पीजीआई में भी किया जा रहा है। जायकोव-डी के ह्यूमन ट्रायल में 1048 लोग शामिल हैं। इसको बनाने वाली कंपनी जायडस कैडिला को उम्मीद है कि इसका ट्रायल अगले साल फरवरी या मार्च तक पूरा हो सकता है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन एजेडडी1222 का भी ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्हें इसमें कामयाबी मिल जाएगी। उन्हें उम्मीद है कि ये वैक्सीन दोहरी सुरक्षा प्रदान कर सकता है। शोध में पता चला कि वैक्सीन ने ट्रायल के दौरान इंसानी शरीर को एंटीबॉडी और मारने वाला टी-सेल दोनों बनाने के लिए प्रेरित किया है।
अमेरिका की कपंनी मॉडर्ना की वैक्सीन का ट्रायल अंतिम फेज में है। इसका ट्रायल 87 अलग अलग जगहों पर हो रहा है। इस ट्रायल में 30 हजार लोगों को शामिल किया गया है। इसको सबसे एडवांस्ड वैक्सीन भी बताया जा रहा है। चीन की पांच वैक्सीन विभिन्न स्टेज से गुजर रही हैं। इनमें से एक का फेज 3 शुरू हो रहा है। इसके ट्रायल की मदद के लिए पेरू, मोरक्को और संयुक्त अरब अमीरात और अर्जेंटीना सामने आए हैं। चीन की इस वैक्सीन को चाइना नेशनल बायोटिक ग्रुप (सीएनबीजी) ने तैयार किया है। सिनोवैक की कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक के इमरजेंसी में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है।