इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने बेन डकेट के बयान की आलोचना की है। इंग्लिश टीम के ओपनर डकेट ने यशस्वी की पारी पर कहा था कि इंग्लैंड के बैजबॉल को देखकर ही भारतीय खिलाड़ी भी तेज खेल रहे हैं।
इस पर नासिर हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स के पॉडकास्ट शो में कहा, 'यशस्वी जायसवाल ने तुमसे कुछ नहीं सीखा है, उसने अपने जीवन की कठिनाइयों से सीखा है। उसने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से सीखा है। इंग्लैंड की टीम को उनसे (यशस्वी जायसवाल) से सीखना चाहिए।'
यशस्वी के तेज खेलने का क्रेडिट हमें जाना चाहिए- डकेट
यशस्वी तीसरे मैच के तीसरे दिन दूसरी पारी में बैक इंजरी की वजह से अपने 104 रन के स्कोर पर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। हालांकि, यशस्वी दूसरी पारी के चौथे दिन फिर बैटिंग करने उतरे और नाबाद 214 की पारी खेली।
तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद डकेट ने कहा, 'उन्होंने (यशस्वी) जिस अंदाज में बल्लेबाजी की उसका श्रेय इंग्लैंड की टीम को जाना चाहिए। क्योंकि इंग्लैंड की (बैजबॉल) बल्लेबाजी को देखकर ही उन्होंने तेजी से रन बनाने का सोचा, जिसमें वो सफल रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब आप विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को इस तरह से बैटिंग करते देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि हमें कुछ क्रेडिट लेना चाहिए। वे टेस्ट क्रिकेट खेलने के तरीके से अलग खेल रहे हैं।'
इंग्लैंड टीम चौथी पारी में 122 रन ही बना सकी
टीम इंडिया ने रविवार को राजकोट टेस्ट रिकॉर्ड 434 रन से जीत लिया। मैच के चौथे दिन 557 रन के टारगेट के सामने इंग्लैंड टीम चौथी पारी में 122 रन ही बना सकी।
रन के अंतर से टीम इंडिया की यह सबसे बड़ी जीत रही। इससे पहले टीम ने 2021 में मुंबई के वानखेड़े मैदान पर न्यूजीलैंड को 372 रन से हराया था।
निरंजन शाह स्टेडियम में पहली पारी में भारत ने 445 और इंग्लैंड ने 319 रन बनाए थे। भारत ने दूसरी पारी 430/4 पर डिक्लेयर की थी। भारत पांच मैचों की पारी में 2-1 से आगे है।
क्या होता है बैजबॉल?
क्रिकेट बुक में कोई ऑफिशियल बैजबॉल थ्योरी नहीं है, लेकिन इसे इंग्लैंड की टेस्ट टीम के नए अटैकिंग अप्रोच को दर्शाने के लिए नाम दे दिया गया। बैजबॉल 2 शब्दों से मिलकर बना है, इसमें बैज और बॉल शामिल हैं। 'बैज' इंग्लैंड की टेस्ट टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम का निकनेम है और 'बॉल' क्रिकेट का एक एलिमेंट, जिसके बिना खेल पॉसिबल ही नहीं है। इन दोनों शब्दों को मिलाकर 'बैजबॉल' बनाया गया।
मैक्कुलम न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर हैं और वे अपने करियर के दौरान बहुत अटैकिंग बैटिंग करते थे। ओपनिंग करते हुए वे पहली से आखिरी बॉल तक बड़े शॉट्स लगाने पर ही फोकस करते थे। उन्हीं की स्ट्रैटजी को अब बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड टेस्ट टीम ने अपना लिया।