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प्रदेश के बंगाली समाज के बीच से ‘ममता’ का किला भेदने की जुगत में ‘नरोत्तम’

Updated on 21-12-2020 01:43 PM
भाजपा ने पश्‍चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त कर भगवा सत्ता स्थापित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस अभियान में मध्य प्रदेश की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है क्योंकि लंबे समय से  राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय पश्‍चिम बंगाल के प्रभारी हैं। वह प्रदेश के कद्दावर नेता हैं और आजकल पूरी तरह से अधिकांश समय अपना डेरा वहीं जमाए हुए हैं। वहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक बड़ी ताकत के रूप में उभारने में विजयवर्गीय की अथक मेहनत ने आधार भूमि तैयार की थी।  2021 के विधानसभा चुनाव में  भाजपा की सरकार बनाने के लिए तृणमूल का धीरे-धीरे जनाधार खिसकाने की रणनीति बनाकर उसे जमीनी स्तर पर   अमल में लाने विजयवर्गीय ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश के गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा तथा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को भी पश्‍चिम बंगाल में सुनिश्‍चित जिम्मेदारी पार्टी ने दी है। जबसे डॉ. मिश्रा को आसनसोल इलाके की 48 विधानसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है तबसे वह पश्‍चिम बंगाल का दौरा करने के साथ ही साथ ही प्रदेश के बंगाली समाज के सहयोग से ममता बनर्जी का  किला ध्वस्त करने के लिए  ताना-बाना बुनने में जुट गए हैं।  प्रदेश के बंगाली समाज के बीच संपर्क स्थापित करने में भाजपा नेता तपन भौमिक सहयोगी की भूमिका में हैं। इस प्रकार वे पश्‍चिम बंगाल में सक्रिय रहने के साथ ही प्रदेश में बंगाली समाज के लोगों से संपर्क और मेलजोल बढ़ा रहे हैं। पश्‍चिम बंगाल में भाजपा की सफलता के लिए प्रदेश से जुड़े 3 बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय,   प्रहलाद पटेल और डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी-जान से सौंपी गई जिम्मेदारियों को सफल बनाने में भिड़ गए हैं। इसके साथ ही काफी पहले से प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन भी विजयवर्गीय के साथ सह प्रभारी का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।  डॉ. मिश्रा एक ओर प्रदेश में भाजपा सरकार में संकटमोचक की भूमिका में रहते हैं  तथा उसके साथ ही उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के समय भी कई विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी  रह चुके हैं। पश्‍चिम बंगाल के दौरे से लौटते ही वह देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार रहे स्वर्गीय तरुण भादुड़ी की धर्मपत्नी तथा अमिताभ बच्चन की सासु मां इंदिरा भादुड़ी से मिलने उनके घर गए। इसके साथ ही उन्होंने बंगाली समाज का समर्थन पाने  की नई मुहिम छेड़ दी है। पश्‍चिम बंगाल में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले के विरोध में डॉ. मिश्रा ने बंगाली समाज को ममता बनर्जी के खिलाफ एकजुट करना प्रारंभ कर दिया है। उनकी नई मुहिम का उद्देश्य प्रदेश के बंगाली समाज के वहां रहने वाले नाते रिश्तेदारों को ममता सरकार के विरुद्ध 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के समर्थन के लिए एकजुट करना है। आधे घंटे तक श्रीमती भादुड़ी से उन्होंने चर्चा की तथा उनका आशीर्वाद भी लिया। इंदिरा भादुड़ी से उन्होंने पश्‍चिम बंगाल की राजनीति को राष्ट्रवाद से जोड़ने के लिए समर्थन मांगा। भोपाल के भोजपुर क्लब में एमपी बंगीय परिषद के बैनर तले एक आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न बंगाली समाज की एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे। उनसे भाजपा के लिए  सहयोग करने और ममता सरकार के विरुद्ध राष्ट्रवादी विचारधारा से ओतप्रोत सरकार गठन के लिए भाजपा का समर्थन करने की बातें कही गईं। परिषद के अध्यक्ष भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त एक आला अधिकारी एके भट्टाचार्य  हैं। डॉ. मिश्रा की मौजूदगी में यह तय किया गया कि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में बंगाली समाज के राजधानी में रहने वाले लोगों की एक बड़ी बैठक आयोजित की जाए। इस अवसर पर बंगाली समाज द्वारा गृहमंत्री से अनुरोध किया गया कि प्रदेश में राज्य सरकार बांग्ला साहित्य अकादमी की स्थापना उसी तरह करे जैसे कि अन्य भाषाओं के लिए अकादमी गठित की गई हैं। टीटी नगर में कालीबाड़ी को जोड़ने वाले मार्ग का नाम योगाचार्य  केएन गांगुली के नाम पर रखने की मांग भी डॉ. मिश्रा के सामने रखी। इस प्रकार पश्‍चिम बंगाल में भाजपा की सफलता के लिए प्रदेश से जुड़े 3 बड़े नेता सक्रिय  हैं। वहां के विधानसभा चुनावों में प्रदेश के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी काम पर लगाया जाएगा। प्रदेश के जो बड़े नेता वहां जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं उनके समर्थकों की अपनी-अपनी विश्‍वसनीय कार्यकर्ताओं की टीम है उन्हें भी वहां दायित्व शीघ्र ही दिए जा सकते हैं क्योंकि भाजपा यह मानकर चल रही है कि अभी नहीं तो फिर कभी पश्‍चिम बंगाल में सरकार नहीं बना पाएगी इसलिए वह अपनी चुनावी रणनीति पूरी पुख्ता बना रही है। इस समय ममता बनर्जी बहुत अधिक दबाव में हैं और उनके विरुद्ध उनकी पार्टी में अंदर ही अंदर असंतोष पनप रहा है, उसका फायदा लेने की स्थिति में भाजपा ही है क्योंकि वामपंथी और कांग्रेस पश्‍चिम बंगाल में एक प्रकार से हाशिए पर पहुंच चुके हैं।
और अंत में............
मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान महिलाओं के भाई और भांजे -भांजियों के  मामा के रूप में मजबूत सामाजिक रिश्ते बना चुके हैं और अब वह उद्योगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने  के लिए गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं। शिवराज ने आज रविवार को रायसेन जिले में कहा कि उद्योगों में महिलाओं का रोजगार प्रतिशत बढ़ाएंगे। इसके लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नीति तैयार की जाएगी। हमारी बेटियां ऐसे संयंत्रों में कार्य के काबिल हैं। राज्य सरकार उद्योगों के परामर्श से महिलाओं की भागीदारी का प्रतिशत बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने वेलस्पन समूह द्वारा रोजगार में लगभग पचास प्रतिशत महिलाओं को स्थान देने के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि समूह का यह नवीन संयंत्र महिलाओं की भागीदारी का श्रेष्ठ उदाहरण बनेगा।
अरुण पटेल,लेखक                                   ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक,सुबह सवेरे

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