कानून-व्यवस्था और अवैध उत्खनन के मोर्चे पर एक्शन में 'नरोत्तम' और 'कमल'
Updated on
18-12-2020 01:33 PM
मध्यप्रदेश में कानून और व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने तथा अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क करने के साथ त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित करने राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और अवैध उत्खनन हर हाल में रोकने तथा मां नर्मदा का सीना रेत माफिया छलनी ना कर पाए इसके लिए किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल एक्शन में आ गए हैं। डॉ. मिश्रा ने गुरुवार को बालाघाट और प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में कानून व्यवस्था की समीक्षा की और कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बालाघाट एक संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाका है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दो- टूक शब्दों में कहा है कि नर्मदा हमारी आस्था का केंद्र है और उनके आंचल को छलनी नहीं होने देंगे तथा यदि रेत का अवैध उत्खनन जारी रहा तो प्रभावी कार्यवाही ना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि रेत का अवैध उत्खनन होता है तो कलेक्टर, एसपी, खनिज अधिकारी, क्षेत्र के तहसीलदार और थानेदार सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे और उन पर भी कार्रवाई होगी।
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना था और कांग्रेस ने इसे जोर-शोर से उठाया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान यह मामला उठ रहा था और बाद में उन्होंने और कांग्रेस पार्टी ने जोर-शोर से इस मामले को उठाया था। बुधनी विधानसभा जो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का निर्वाचन क्षेत्र है वहां से उनके विरुद्ध चुनाव लड़ रहे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने इसे मुख्य मुद्दा बनाया था। भले ही इस मामले को कांग्रेस ने उठाया हो परंतु प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनने के बाद भी इस पर कोई विशेष अंकुश नहीं लग पाया था। सिर्फ इतना अवश्य हुआ था कि इस कारोबार में कुछ और नए चेहरे जुड़ गए। देखने वाली बात यही होगी कि क्या कमल पटेल जो कि शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में भी इस मामले को उठाते रहे थे तथा नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन के मामले को एनजीटी में भी ले गए थे। अब मंत्री बनने के बाद उनके तीखे तेवर क्या कोई असर दिखा पाएंगे और वह इस पर अंकुश लगा पाएंगे, क्योंकि जो भी खनन माफिया है और इस कारोबार में जो लोग लगे हुए हैं वह रसूखदार हैं। सभी राजनीतिक दलों से कोई ना कोई नेता का हाथ उसकी पीठ पर होता है और किसी न किसी रूप में उसकी भागीदारी भी होती है। बिना संरक्षण के इस प्रकार का अवैध कारोबार फल-फूल ही नहीं सकता है। इसके साथ ही ऐसे लोगों की अधिकारियों से भी मिलीभगत रहती है। लेकिन उम्मीद की जाना चाहिए कि अब इस पर अंकुश लग सकता है बशर्ते कि इस प्रकार के गठजोड़ पर पटेल अंकुश लगा पाएं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने दो- टूक शब्दों में कहा है कि नर्मदांचल में अवैध रेत उत्खनन करने वालों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा है कि अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 379 और 411 में मुकदमा दर्ज किया जायेगा। पटेल ने यही भी निर्देश दिया है कि ओवरलोडेड डम्परों को न सिर्फ जप्त किया जायेगा बल्कि उनके मालिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। पटेल ने सिवनी-मालवा के प्रतिनिधि मण्डल से हुई मुलाकात के दौरान अपने तीखे तेवर इसी अंदाज में दिखाते हुए सरकारी अमले को सचेत किया।जबलपुर-होशंगाबाद के प्रभारी पटेल ने कहा है कि नर्मदा नदी के किनारे अवैध उत्खनन को सख्ती से रोकने की हिदायत संभागीय एवं जिलाधिकारियों को दी गई है। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि उन्होंने अवैध रेत उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की तो उनके विरूद्ध सरकार कार्यवाही करेगी। पटेल ने कहा कि अवैध उत्खनन को हर हाल में रोका जाएगा। माँ नर्मदा का आंचल छलनी करने वालों के विरूद्ध दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही करेंगे। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान पटेल को जबलपुर जिले की शाहपुरा तहसील के बैलखेड़ी घाट पर अवैध उत्खनन की सूचना दूरभाष पर मिली थी। मंत्री पटेल के निर्देश पर पॉकलेन मशीन और डम्पर की जप्ती की कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई थी। पटेल ने बताया कि ओवर लोडिंग से सड़कों को नुकसान पहुँचाने वालों के विरूद्ध भी होगी कार्यवाही ओवर लोडिंग से सड़कों को नुकसान पहुँचाने वाले वाहन चालकों और मालिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। ओवर लोडिंग से सड़के खराब होती हैं जो आगे चलकर सड़क दुर्घटनाओं का भी कारण बनती है। इन दुर्घटनाओं से निरपराध लोग जान-माल की क्षति के शिकार होते है। ऐसे वाहन चालकों और मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।
और अंत में............
जहां कहीं भी कृषि मंत्री पटेल को अवैध उत्खनन की जानकारी मिलती है वह तत्काल एक्शन में आ जाते हैं तथा प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मशीन जब्त करने के निर्देश देने में कोताही नहीं बरतते। पटेल का कहना है कि अवैध उत्खनन की सूचना को अनदेखा करने और छिपाने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सिवनी मालवा नर्मदा अंचल के प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि अवैध खनन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला धारा 370 के तहत दर्ज कराया जाएगा जो कि पोकलेन मशीन और पनडुब्बी मशीन से रेत निकालेंगे। पटेल के इरादे तो नेक हैं पर यह तो बाद में ही पता चलेगा कि इस गठजोड़ में शामिल सरकारी अमला मैदानी स्तर पर कितना चुस्त-दुरुस्त नजर आता है कार्रवाई करते समय रसूखदार लोगों के चेहरे यदि उनकी नजर में आ जाते हैं तो फिर कार्रवाई करते हुए उनके हाथ कापेंगे तो नहीं ।
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