विदिशा ज़िले के सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ साहब को मैं जोंक कहूं या घड़ियाल तुझे असुर कहूं या पिशाच। क्योंकि तूने पिया हैं,ख़ून ग़रीबों का,एक भाई ने सोचा था चलो सरकार के द्वारा ग़रीब बच्चियों की शादी की व्यवस्था की है,उनकी भी बहन लाल जोड़ा पहन कर,अग्नि के सात फेरे लेकर,अपने पिया के घर जाएगी,भाई के मन में वही फिल्मी तराना बार-बार आ रहा था,मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनियां,सजके आएंगे दुल्हे राजा,भैया राजा बजाएगा बाजा।
ना बाजा बजा,ना बारात आई,ना बहन ने लाल कपड़े पहने,और ना ही अग्नि के सामने सात फेरे लिए और दस्तावेजों में शादी भी हो गई और पैसे भी बंट गए,मध्यप्रदेश के सिरोंज के सीईओ साहब ने कोरोना काल में 3500 ग़रीब कन्याओं की फर्जी शादी करवा दी,जब शादियों पर पाबंदी थी, लॉक डाउन के समय जब पूरा देश में और पूरा मध्यप्रदेश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा था,लोगों की मौतें हो रही थी, लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे,श्मशान में एवं कब्रस्तान में लंबी-लंबी लाइनें लगी थी, अस्पताल के बिस्तर भरे पड़े थे, मरीज़ अस्पताल में बिस्तरों के लिए भटक रहे थे,तब विदिशा जिले के सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ लॉकडाउन के समय फर्जी शादियों का रिकॉर्ड तैयार कर रहे थे और नोटों के बंडल अपने घर के कमरों में सजा रहे थे । सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ शोभित त्रिपाठी ने सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहते हुए विवाह सहायता योजना के तहत 18 करोड़ का घोटाला किया है, शोभित ने उन लोगों को इस महत्वपूर्ण योजना की राशि बांट दी जो इसके पात्र ही नहीं थे,कई फर्जी हितग्राहीयों को भी योजना का पैसा दिया गया । सरकार की इस योजना में निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों और उनके परिवार को शादी के लिए वित्तीय मदद दी जाती है,लेकिन इसके लिए उन श्रमिकों का भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में रजिस्ट्रेशन जरूरी है, इसमें कुल 51 हजार रुपये दिए जाते हैं । अब ईओडब्ल्यू ने शोभित त्रिपाठी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है,ईओडब्ल्यू ने शोभित त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार, गबन, धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है,विदिशा कलेक्टर ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की थी,उस जांच में यह आरोप सही पाए गए थे। सीईओ त्रिपाठी ने विवाह सहायता योजना के तहत कोरोना काल में फर्ज़ी हितग्राहियों को करोड़ों रुपए वितरित कर दिए,इसके बाद हुई जांच में आरोप सही पाए गए,जांच में पता चला कि जब लॉकडाउन लगा था तब सार्वजनिक शादियों की अनुमति नहीं थी, तब सीईओ शोभित त्रिपाठी ने 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच करीब 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिए ।
मध्य प्रदेश गले गले तक कर्ज़ में डूबा हुआ है,मध्यप्रदेश के ऊपर 2 लाख 46 हजार करोड़ का कर्ज़ा है,अभी कर्ज़ और बढ़ने की संभावना है,इस हिसाब से मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति के ऊपर 34 हज़ार रुपए का कर्ज़ है, मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है,अगर यह भ्रष्टाचार पर लगाम कस दी जाए तो सरकार को सरकार चलाने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी ऐसे ऐसे कारनामे कर रहे हैं, जिसको सुनकर ऐसा लगता है की प्रदेश का पूरा कर्जा इन भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वजह से है,सरकार जनहित में जो करोड़ों रुपए की राशि खर्च करती है,उस राशि का कुछ ही भाग ग़रीब जनता तक पहुंचता है,बाकी राशि तो अधिकारियों कर्मचारियों एवं नेताओं के घरों में इकट्ठा हो जाती है ।
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