टेस्ला और स्टारलिंक के CEO इलॉन मस्क ने यूक्रेन को इंटरनेट बंद करने की धमकी दी है। मस्क ने रविवार को कहा कि अगर उन्होंने यूक्रेन में अपना स्टारलिंक इंटरनेट सिस्टम बंद कर दिया तो यूक्रेन की डिफेंस लाइन ढह जाएगी।
मस्क का स्टारलिंक इंटरनेट सिस्टम, यूक्रेन को मिलिट्री कम्युनिकेशन (सैन्य संचार) बनाए रखने में मददगार रहा है। मस्क ने X पर पोस्ट कर लिखा,
स्टारलिंक सिस्टम यूक्रेनी सेना की रीढ़ है। मैं जंग और कत्लेआम से परेशान हूं, जिसमें यूक्रेन आखिरकार हार जाएगा।
हालांकि, बाद में उन्होंने दूसरे X पोस्ट में सफाई देते हुए कहा कि चाहे मैं कितना भी यूक्रेन की पॉलिसी के खिलाफ रहूं, मैं कभी वहां स्टारलिंक के टर्मिनल बंद नहीं करूंगा। मैं स्टारलिंक इंटरनेट को सौदेबाजी के लिए इस्तेमाल नहीं करूंगा।
मस्क ने पोलैंड के विदेश मंत्री को छोटा आदमी कहा
मस्क के पहले पोस्ट पर पोलैंड के विदेश मंत्री रैदोस्लाव सिकोर्स्की ने लिखा कि यूक्रेन के स्टारलिंक के लिए पोलैंड सालाना 50 मिलियन डॉलर (436 करोड़ रुपए) देता है। किसी जंग में विक्टिम को डराना धमकाना तो अलग बात है, लेकिन अगर स्पेसएक्स इंटरनेट प्रोवाइडर के तौर पर भरोसेमंद नहीं रहता है, तो हमें विकल्प खोजने होंगे।
इसके जवाब में मस्क ने कहा, 'चुप बैठो, छोटे आदमी। तुम स्टारलिंक की कीमत का एक छोटा सा हिस्सा देते हो। वैसे भी स्टारलिंक का कोई विकल्प नहीं है।'
स्टारलिंक की सर्विस पूरी दुनिया में मौजूद
स्टारलिंक धरती की निचली कक्षा यानी लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सैटेलाइट्स के जाल को ऑपरेट करता है और इसके जरिए कई देशों में अंतरिक्ष आधारित यानी स्पेस बेस्ड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मुहैया करता है। कंपनी दुनिया भर में किसी भी जगह पर स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट से इंटरनेट सर्विस दे सकती है।
अमेरिका ने यूक्रेन को 8.7 हजार करोड़ रुपए की सैन्य मदद रोकी
अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद पर रोक लगा दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इससे एक अरब डॉलर (8.7 हजार करोड़ रुपए) के हथियार और गोला-बारूद संबंधी मदद पर असर पड़ सकता है। इन्हें जल्द ही यूक्रेन को डिलीवर किया जाना था।
ट्रम्प के आदेश के बाद उस मदद को भी रोक दिया गया है जिसका इस्तेमाल यूक्रेन सिर्फ अमेरिकी डिफेंस कंपनियों से सीधे नए सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए कर सकता है। अमेरिकी सहायता रोके जाने पर राष्ट्रपति जेलेंस्की की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने CNN से कहा कि यह साफ है कि फैसला जेलेंस्की के बुरे बर्ताव की वजह से उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर जेलेंस्की जंग को खत्म करने के लिए बातचीत की कोशिश करते हैं, तब शायद ये रोक हटाई जा सकती है।
यूक्रेन से खुफिया जानकारी शेयर नहीं करेगा अमेरिका
अमेरिका ने 5 मार्च से यूक्रेन के साथ सीक्रेट जानकारी शेयर करके पर रोक लगाई। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज का कहना है कि हमने यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के मामले में एक कदम पीछे ले लिया है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम इस मामले के सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं और इसकी समीक्षा कर रहे हैं। वाल्ट्ज ने यूक्रेन के NSA से फोन पर बात की।
यूक्रेन पर 2 से 4 महीने में दिखेगा मदद रुकने का असर
सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मार्क कैन्सियन ने कहा कि अमेरिका के मदद रोकने के फैसले से यूक्रेन पर बहुत असर पड़ने वाला है। ट्रम्प के इस फैसले ने एक तरह से यूक्रेन को ‘अपंग’ कर दिया है।
कैन्सियन ने कहा कि अमेरिकी मदद रुकने का मतलब है कि अब यूक्रेन की ताकत आधी हो गई है। इसका असर दो से चार महीने में दिखने लगेगा। फिलहाल यूरोपीय देशों से मिलने वाली सहायता से यूक्रेन कुछ समय तक लड़ाई में बना रहेगा।
यूक्रेन की सैन्य मदद रोकने के फैसले से क्या असर पड़ेगा
अमेरिका यूक्रेन का एक प्रमुख समर्थक रहा है। पिछले 3 साल में अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ संघर्ष में हथियार, गोला-बारूद और वित्तीय सहायता दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मदद के बंद होने से यूक्रेन की रक्षा क्षमता पर असर पड़ेगा। यूक्रेन को अपने इलाके पर पकड़ बनाए रखने में मुश्किलें आ सकती हैं।
यूक्रेन की सेना अमेरिका से मिले हथियारों खासकर तोप, ड्रोन और मिसाइल सिस्टम पर बहुत निर्भर रहा है। इसके बंद होने के बाद यूक्रेन का रूसी हमलों का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इससे रूस, यूक्रेन के कुछ और इलाकों पर कब्जा कर सकता है।