उद्योगपतियों को आकर्षित करते ‘मोहन‘ और किसानों को विश्वास दिलाते 'शिवराज '
Updated on
28-07-2024 06:39 AM
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इन दिनों मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश हो, इसके लिए पूरी ताकत से भिड़े हुए हैं तो वहीं संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चिर-परिचित अंदाज में किसानों का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। किसान केन्द्र की मोदी सरकार से नाराज हैं और अपने-अपने ढंग से आंदोलनरत हैं। आंदोलनरत किसानों नेताओं ने संसद परिसर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मिलकर चर्चा की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। किसानों को राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वे इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं से चर्चा कर उनकी मांगों का समर्थन सदन के अंदर और सड़कों पर पूरी ताकत से करेंगे। शिवराज द्वारा खाली की गयी बुधनी सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत न हो इसके लिए कांग्रेस अभी से तैयारियां कर रही है और इस सिलसिले में जीतू पटवारी ने वहां पर टिफिन पार्टी तक कर डाली है।
मुख्यमंत्री यादव ने तामिलनाडु के कोयम्बटूर में मध्यप्रदेश का एक उद्योग कार्यालय खोलने का ऐलान किया ताकि वहां के उद्योगपतियों को आसानी हो सकेऔ और वे प्रदेश के प्रति आकर्षित हो सकें। मोहन यादव के अनुसार यहां पर 3255 करोड़ रुपयों के निवेश प्रस्ताव मध्यप्रदेश को मिले हैं, इसका मतलब साफ है कि उद्योगपति मध्यप्रदेश की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं और उन्हें मोहन यादव की सरकार पर भी पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार जैसा भरोसा है। यहां पर इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र में 3255 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके साथ नालेज शेयरिंग, टेक्सटाइल कलस्टर स्थापित करने और कपास की खेती व एक्स्ट्रा लॉंग स्पेशल काटन उत्पादन के लिए तीन एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। जो औद्योगिक कार्यालय यहां खोला जा रहा है वह मध्यप्रदेश व तामिलनाडु के बीच व्यापार-व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतुबंध का काम करेगा। इस सत्र में 1200 से अधिक उद्यमियों ने भागीदारी की। मुख्यमंत्री यादव ने दक्षिण भारत के 25 उद्योगपतियों और चार प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा कर मध्यप्रदेश में निवेश के लिए फरवरी 2025 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री यादव ने इस बात पर जोर दिया कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल के साथ इनफारमेशन टेक्नालजी के साथ आटोमोबाइल सेक्टर, ईवी सेक्टर में भी निवेश की अपार संभावनायें हैं। मध्यप्रदेश में निवेश के जो प्रस्ताव यहां मिले हैं वे यदि यथार्थ की धरा पर उतरते हैं तो फिर 8900 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के रामजीलाल सुमन के एमएसपी के कानून संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ा कोई दूसरा किसान हितैषी नहीं है। किसान के मुद्दे पर गरमाती राजनीति का असर शुक्रवार 26 जुलाई 2024 को राज्यसभा में उस समय नजर आया जब शिवराज सिंह चौहान एमएसपी संबंधी प्रश्न का उत्तर देने लगे, इस पर कांग्रेस सांसदों ने सीधे जवाब देने की मांग करते हुए नारेबाजी चालू कर दी। सभापति जगदीप धनखड़ की हिदायत के बीच भी नारेबाजी और हंगामा होता रहा लेकिन शिवराज इस बीच आंकड़े पर आंकड़े देते चले गये। उनका कहना था कि मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तुलना में कहीं अधिक एमएसपी पर फसलों की खरीदी की है। एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश खारिज करने संबंधी मनमोहन सिंह सरकार का केबिनेट नोट सदन के पटल पर रखते हुए शिवराज ने कहा कि विपक्ष घड़ियाली आंसू न बहाये। हंगामे के दौरान सभापित धनखड़ ने कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला व जयराम रमेश को डांट भी लगाई। सुरजेवाला का कहना था कि आप किसानों से दुश्मनी निकाल रहे हैं तथा बार-बार टोकाटाकी कर रहे हैं। जयराम रमेश को रोकते हुए सभापति ने कहा कि आप किसानों का 'क ख ग' भी नहीं जानते हैं। शिवराज ने सदन को सूचित किया कि एमएसपी पर बनाई गयी समिति की अब तक 22 बैठकें हो चुकी हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में हुई खरीदी के आंकड़ों के हवाले से शिवराज ने दावा किया कि 23 फसलों की एमएसपी को बढ़ाया गया है। दाल की खरीद 25 गुना अधिक की है, किसान चिन्ता न करें वह जितना भी अरहर, मूंग, उड़द और मसूर उगायेंगे उसकी एमएसपी पर केंद्र सरकार खरीदी करेगी। इस प्रकार शिवराज ने किसानों का दिल जीतने की कोशिश की, लेकिन यह आने वाले समय में ही पता चल सकेगा कि शिवराज की बातों पर किसानों ने कितना भरोसा किया और उनकी बातें किसानों के कितना गले उतरीं।
संगठन को चुस्त-दुरुस्त करती भाजपा
2024 के लोकसभा चुनाव में जिन राज्यों मेे भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली उन राज्यों में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने का अभियान उसने आरंभ कर दिया है। उत्तरप्रदेश पर आत्ममंथन चल रहा है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान किसी से छुपी नहीं है और इस विवाद का पटाक्षेप करने का अंतिम प्रयास राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा किए जा रहे हैं। भाजपा ने जो बदलाव किये हैं उसके अनुसार 6 राज्यों के प्रभारी और दो राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिये गये हैं। राज्यसभा सांसद मदन राठौर को सीपी जोशी की जगह राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान का प्रदेश प्रभारी और विजया रहटकर को सह-प्रभारी बनाया गया है। विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को आंध्रप्रदेश का प्रभारी बनाया गया था तभी से यह पद खाली चल रहा था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने चुनावी राज्य बिहार में बड़ा फेरबदल करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, इस पद पर अभी तक सम्राट चौधरी थे, वे सरकार में भी शामिल हैं इसलिए उन्हें संगठन के पद से मुक्त कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में लगभग पन्द्रह साल तक भाजपा संगठन का दायित्व संभाल चुके अरविन्द मेनन मूलतः केरल निवासी हैं और उन्हें 2016 में संगठन महामंत्री के पद से मध्यप्रदेश से मुक्त कर दिया गया था, मेनन प. बंगाल में भी संगठन का काम संभाल चुके हैं। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी माने जाते हैं और उनकी लम्बे समय बाद संगठन में वापसी हुई है, उन्हें तामिलनाडु और राजदीप राय को त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है। हरीश द्विवेदी को असम, अतुल गर्ग को चंडीगढ़ का प्रभार सौंपा गया है।
और यह भी
सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा के सलकनपुर क्षेत्र में विधानसभा का उपचुनाव होना है क्योंकि शिवराज सिंह चौहान लोकसभा के लिए चुन लिये गये हैं और इस उपचुनाव को लेकर अभी से कांग्रेस एक्सशन मोड मे आ गयी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 26 जुलाई 2024 शुक्रवार को इस विधानसभा क्षेत्र के सभी मंडलम/सेक्टर के साथियों के साथ बैठक की और एक टिफिन पार्टी हुई। सोशल मीडिया पर जीतू पटवारी ने इसकी फोटो शेयर करते हुए लिखा कि यह अदभुत स्नेह ही हमारी अमूल्य पूंजी है। हम आधी रोटी खायेंगे और बुधनी में कांग्रेस को जितायेंगे। शिवराज के गढ़ में जीतू पटवारी कितनी सेंध लगा पायेंगे यह तो उपचुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा, लेकिन यहां पर हमेशा की तरह कांग्रेस फुलफार्म में रहती है लेकिन नतीजे उसके विरुद्ध आते हैं क्योंकि यह शिवराज का मजबूत गढ़ बन चुका है।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…