नई दिल्ली । कोरोना काल में ऑनलाइन खरीदारी में काफी तेजी आई है। मोदी सरकार भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। मोदी सरकार हर साल करीब 400 अरब डॉलर की सरकारी खरीद करती है। अब इसका ज्यादातर हिस्सा ऑनलाइन प्लैटफॉर्म की मदद से किया जाएगा। सरकार का ऑनलाइन मार्केटप्लेस जीईएम (सरकार ई-मॉर्कटप्लस) है, जो करीब चार साल पुराना है। सरकारी खरीदी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने से एडमिनिस्ट्रेशन कॉस्ट भी काफी बच जाता है। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया में काफी कम समय लगता है और पारदर्शिता भी बनी रहती है। माना जा रहा है कि सरकार के फैसले से अब तक सरकारी खजाने को करीब 1 अरब डॉलर यानी 7000 करोड़ का फायदा हुआ है।
सरकार ई-मॉर्कटप्लस की मदद से तमाम मंत्रालय खरीद करता है। इससे स्टेट कंपनीज को भी काफी फायदा मिलता है। इस ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर मारुति, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। सरकार इस प्लैटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर गाड़ी, कंप्यूटर, चेयर समेत कई अन्य सामान की खरीदारी करती है। भारत का टोटल जीडीपी करीब 200 लाख करोड़ है। इसका करीब 18 फीसदी सरकारी खरीद है। सरकारी खरीद में महज एक चौथाई काम उसके इ-मार्केटप्लेस यानी जीईएम की मदद से होता है। इसकी एक वजह ये भी है कि अन्य तरह की खरीदारी जैसे हथियार की खरीदारी ऑनलाइन संभव भी नहीं है। वर्तमान में सालान करीब 3.5 अरब डॉलर यानी 25 हजार करोड़ की सालाना सरकारी खरीदारी ऑनलाइन की जाती है।जीईएम के सीईओ तल्लीन कुमार का मानना है कि अगले पांच सालों में यह 100 अरब डॉलर यानी 7.5 लाख करोड़ के पार पहुंच जाएगा।