नई दिल्ली। केंद्र ने कहा कि उसने पंजाब और हरियाणा से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पिछले पांच दिन में 197 करोड़ रुपये में 1,04,417 टन धान की खरीद की है। आंकड़ा जारी करने के पीछे सरकार का मकसद संभवतः नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को संदेश देना है कि उसका एमएसपी में खरीद को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है। पंजाब और हरियाणा और कई अन्य राज्यों के किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिसके बारे में उनकी आशंका है कि इससे फसल खरीद का काम कंपनियों के हाथ में चला जायेगा और एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी।
एक बयान में, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा कि पंजाब से लगभग 91,005 टन धान और हरियाणा से 13,412 टन की खरीद 30 सितंबर तक 1,888 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर की गई है। बयान में कहा गया है कि एमएसपी के तहत 197 करोड़ रुपये का कुल 1,04,417 टन धान हरियाणा और पंजाब के 8,059 किसानों से खरीदा गया है। पंजाब और हरियाणा में 26 सितंबर से धान की खरीद शुरू हुई, जबकि शेष राज्यों में 28 सितंबर को शुरू हुई। चालू वर्ष के लिए, सरकार ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के धान के लिए यह दाम 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
इसके अलावा, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से, तमिलनाडु में अब तक एमएसपी की दर पर 33 लाख रुपये मूल्य के 46.35 टन मूंग की खरीद की है, जिससे प्रदेश के 48 किसानों को लाभ मिला है। इसी तरह, 5,089 टन खोपरा यानी नारियल गरी (बारहमासी फसल), की 52.40 करोड़ रुपये में खरीदारी की गई है। इससे कर्नाटक और तमिलनाडु के 3,961 किसानों को लाभ मिला है। मंत्रालय ने कहा कि उसने तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा से 14.09 लाख टन खरीफ दलहनों और तिलहन की खरीद को मंजूरी दी है। अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति दी जाएगी। वर्ष 2020-21 सत्र के लिए कपास की खरीद का काम एक अक्टूबर से शुरू होगा।