वैश्विक स्तर पर ‘मोदी‘ और प्रादेशिक फलक पर डंका बजाते ‘मोहन‘
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16-02-2025 04:51 PM
एक ओर जहां अमेरिका सहित वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का डंका बज रहा है तो वहीं प्रदेश के फलक पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और मुख्यमंत्री को पक्का भरोसा है कि उद्योगों के प्रति मित्रवत नीति एवं नवाचार से प्रदेश में निवेश के विस्तार को पंख लग जायेंगे और यह एक नया औद्योगिक हब बनेगा। अभी तक मध्यप्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक राजधानी के रुप में इंदौर तथा संस्कारधानी के रुप में जबलपुर की पहचान थी, अब औद्योगिक राजधानी के रुप में ताल-तलैयों व शैल-शिखरों की नगरी भोपाल को भी एक नई पहचान मिलने जा रही है। इन प्रयासों को जमीनी धरातल पर उतारने में डॉ. यादव महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्हाइट हाउस में बड़े ही गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई और न केवल दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया बल्कि ट्रम्प ने यह भी माना कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मिस किया है। टेरिफ मामले को लेकर मोदी की प्रशंसा प् करते हुए उन्होंने मोदी को एक टफ नेगोशिएटर निरुपित किया। इस अवसर हुई बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार, रक्षा सहयोग और आतंकवाद विरोधी रणनीति के साथ ही साथ ऊर्जा साझेदारी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा और रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत धरातल पर उतारने के मामले में अपनी सहमति जताई। अमेरिका और भारत ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला किया है और दोनों देशों ने आतंकवादी संगठनों के वित्त पोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने, वैश्विक आतंकवाद को राकने में सहयोग बढ़ाने की बात कही। ट्रम्प का कहना था कि कट्टरपंथी आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसे रोकने के लिए दोनों देशों का गठबंधन महत्वपूर्ण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि अमेरिका में भारतीय समुदाय की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लॉस एंजिलिस और बॉस्टन में नये भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जायेंगे। इससे भारतीय प्रवासियों को कांसुलर सेवाओं का लाभ मिलेगा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध और मजबूत होंगे।
अडानी मामले में मोदी-राहुल आमने-सामने
अमेरिका में अडानी समूह को लेकर पूछे गये सवाल पर मोदी ने जो उत्तर दिया उसको लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश में सवाल पूछो तो चुप्पी और विदेश में पूछो तो निजी मामला। अमेरिका में भी पीएम मोदी ने अडानी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया। जब मित्र की जेब भरना मोदी के लिए राष्ट्र निर्माण है तब रिश्वतखोरी और देश की सम्पत्ति को लूटना व्यक्तिगत मामला बन जाता है। अमेरिका में जब मीडिया के सामने ट्रम्प और मोदी रुबरु हो रहे थे उस समय अडानी समूह को लेकर अमेरिका में चल रहे विवाद पर सवाल किया गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ कारोबारी गौतम अडानी के खिलाफ मामले पर चर्चा हुई है, तब मोदी का उत्तर था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है, दुनिया को हम एक परिवार मानते हैं, हर भारतीय को भी मैं अपना मानता हूं, ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं न बैठते हैं न बात करते हैं।
न्यायिक अकादमी में धनखड़
न्यायिक अकादमी में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने साफतौर पर कहा कि हम एक सम्प्रभु राष्ट्र हैं, हमारी सम्प्रभुता लोगों में निहित है। लोगों द्वारा दिया गया संविधान इस सम्प्रभुता को अभेद्य बनाता है। किसी भी कार्यकारी नियुक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को कैसे शामिल कर सकते हैं, हमारे देश में या किसी भी लोकतंत्र में क्या कोई कानूनी तर्क हो सकता है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को सीबीआई निदेशक के चयन में भागीदारी करनी चाहिये। क्या इसके लिए कोई कानूनी आधार हो सकता है? मैं समझ सकता हूं कि यह विधायी प्रावधान इसलिए अस्तित्व में आया कि उस समयझ की कार्यकारी सरकार ने न्यायिक निर्णय को स्वीकार किया, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे फिर से देखा जाए। धनखड़ का कहना था कि हमारा संविधान सामंजस्य और सहकारी दृष्टिकोण की कल्पना करता है, न्यायिक सम्मान और विनम्रता यह मांग करती है कि ये संस्थाएं परिभाषित संवैधानिक सीमाओं के भीतर काम करें। आपस में संवाद बनाये रखें और राष्ट्र हित को हमेशा ध्यान में रखें। जब कार्यकारी भूमिकायें चुनी हुई सरकारों द्वारा निभायी जाती हैं तो जवाबदेही लागू होती है, सरकारें विधायिका के प्रति उत्तरदायी हैं।
और यह भी
देश और प्रदेश में कांग्रेस अब पीढ़ी परिवर्तन के दौर में प्रवेश कर रही है और युवा चेहरों को तवज्जो मिल रही है। इसका मतलब यह नहीं है कि अनुभव की उपेक्षा होगी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महामंत्री बना दिया गया है जबकि युवा चेहरों में मध्यप्रदेश के कुणाल चौधरी, प्रियव्रत सिंह, मीनाक्षी नटराजन और विक्रान्त भूरिया को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली हैं। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, ओमकार सिंह मरकाम, कुणाल चौधरी राष्ट्रीय फलक पर विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल ही रहे थे कि वहीं अब हाल ही में मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विधायक डॉ. विक्रान्त भूरिया को अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन छानबीन समिति मे थीं और वहीं पूर्व विधायक प्रियव्रत सिंह वाररुम की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मध्यप्रदेश में प्रस्तावित ब्लाक व जिला इकाइयों में भी पचास प्रतिशत पद युवाओं को देने की तैयारी चल रही है। विधानसभा चुनाव में हारने और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एक प्रकार से सफाये के बाद अब पूरा फोकस संगठन को मजबूत करने की ओर हो रहा है। प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने का अवसर दिया जा रहा है। आदिवासी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के विधायक ओमकार सिंह मरकाम केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं। पिछड़े वर्ग से आने वाले कमलेश्वर पटेल राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और कुणाल चौधरी राष्ट्रीय सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री विधायक सचिन यादव को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था। विधानसभा चुनाव के बाद जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष और उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया। यह सब कांग्रेस में पीढ़ी परिवर्तन का परिचायक माना जा रहा है।
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